एक विद्वान ब्राह्मण था रावण, ना करें उसका दहन :- मनिकेश
मेट्रो मत न्यूज़ दिल्ली चेतन शर्मा :- भावना प्रधान देश भारत के नये नये धर्म स्थापको ने भक्ति में परम् शिवभक्त एवं महा विद्वान प्रज्ञान पंडित कुलभूषण रावण को आज तक केवल मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम जी से ही जोड़कर राम लीला मे दिखाया समझाया जाता रहा है कभी उसकी जीवनी पर प्रकाश नहीं डाला गया कि वह क्या करता था, कितना विद्वान था कितना परम पिता परमात्मा निराकार स्वरूप शिव बाबा का भक्त था, इस सब भारतीय इतिहास से दूर रखा गया कुछ भी नही बताया गया ना ही उसको किसी श्रेष्ठता मे मान दिया गया यह कहना है... समाजसेवी एवं शैडो केबिनेट के अध्यक्ष मनिकेश चतुर्वेदी का उन्होंने बताया हमारा भारत एक भावना प्रधान देश है वैसे तो यहाँ हर तीज त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाये जाते है परन्तु बुराई पर अच्छाई (विजय) प्रतीक दशहरा उत्सव सदियों से बड़ी धूम धाम के साथ मनाया जाता है । इस दिन लंकाधिपति रावण के 10 शीश (मुँह) वाला बड़े से बड़ा बुत पुतला बनाकर हर शहर, गली, मोहल्ले, व पार्क आदि मे जला दिया जाता है। रावण को जलाने की रस्म रिवाज भारत में ही है । लंका या अन्य किसी और देश मे नहीं है । फिर भी भारत की धरती से ब