पहलगांव आतंकी हमले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कड़ा रुख

मेट्रो मत न्यूज़ (संवाददाता सरिता साहनी दिल्ली ) हालही मे जम्मू-कश्मीर के "अनमोल पर्यटन स्थल" पहलगाम में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया।

वासेलिन घाटी में स्थित बेताब घाटी के पास यह हमला उस समय हुआ जब बड़ी संख्या में पर्यटक वहां प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले रहे थे। दोपहर के लगभग 1 बजे चार आतंकवादियों ने अचानक अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दीं। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई और 17 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन "रजिस्ट्रेशन फ्रंट" ने ली है, जबकि पुलिस ने जानकारी दी कि इसका संचालन अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से “आकाश फ्रंट” द्वारा किया गया था। यह हमला न केवल निर्दोष नागरिकों की जान लेने वाला था, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को चुनौती देने वाला भी था। घटना के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की कठोर शब्दों में निंदा की और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। भारत सरकार ने तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, अटारी-वाघा सीमा को बंद कर दिया गया, और पाकिस्तान के नागरिकों के वीज़ा रद्द कर दिए गए हैं। यह कदम भारत की सख्त नीति का संकेत है कि अब देश आतंकवाद के प्रति किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगा। इस दर्दनाक हमले के बाद पहलगाम और आस-पास के इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था को अत्यधिक मजबूत कर दिया गया है। सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है, जबकि स्थानीय नागरिक भयभीत हैं और स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं। पर्यटन उद्योग पर भी इस हमले का नकारात्मक प्रभाव पड़ा है ।यह घटना एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर करती है कि आखिर कब तक निर्दोष लोगों की जानें जाती रहेंगी? कब तक हमारे देश को ऐसे हमलों का सामना करना पड़ेगा? अब वक्त आ गया है कि आतंकवाद के खिलाफ न केवल सरकार बल्कि हर नागरिक को एकजुट होकर आवाज़ उठानी होगी। केवल निंदा और बयानबाज़ी से काम नहीं चलेगा, अब समय है निर्णायक कदम उठाने का, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ एक सुरक्षित भारत में सांस ले सकें।

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