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हर्षोल्लास से संपन्न हुआ, दीपावली महोत्सव" एवं "दयानन्द बलिदान दिवस

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मेट्रो मत न्यूज़ ( संवाददाता चेतन शर्मा )  उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद, में रविवार, को आर्य समाज द्वारा कविनगर में दो दिवसीय "दीपावली महोत्सव" एवं "दयानन्द बलिदान दिवस" सम्मान समारोह हर्षोल्लास से संपन्न हुआ। इस मौके पर आचार्य प्रमोद शास्त्री के ब्रह्मत्व में महायज्ञ संपन्न हुआ। कार्यक्रम के मुख्य यज्ञमान श्रीमती शोभा गौतम,अमित गौतम तथा ज्योति गौतम,नवनीत गौतम रहे।यज्ञोप्रांत आचार्य जी ने यज्ञमानों को आशीर्वाद दिया और सुखद जीवन की प्रभु से प्रार्थना की। बिजनौर से पधारे आर्य जगत के सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक आचार्य कुलदीप विद्यार्थी,छवि आर्या, आचार्य नरेन्द्र एवं योगी प्रवीण आर्य द्वारा गाए ईश्वर भक्ति के सुन्दर भजनों और दयानंद गुणगान को सुनकर श्रद्धालु भावविभोर हो गए।कुलदीप विद्यार्थी ने श्रोताओं को संकल्प कराया कि आज के बाद दीपावली पर्व अकेले नहीं मनाएंगे।अपने धर्म के लोगों के साथ मनाएंगे।  आर्य समाज कविनगर की ओर से समाज सेवी श्रीमती प्रवेश गौतम,संजय गौतम एवं ऋतु गौतम का प्रीतवस्त्र,शॉल ओढ़ाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया तथा ऋतु गौतम को उनके जन्म दिन की बधाई दी ग

अहिंसा परमो धर्मः परंतु सेवा भी परमो धर्म है :- आचार्य प्रमोद कृष्णम

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मेट्रो मत न्यूज़ ( चेतन शर्मा दिल्ली ) नई दिल्ली के पीतमपुरा स्थित भृथि हेल्थ केयर सेंटर का उद्घाटन आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि पीठाधीश्वर एवं राजनीतिज्ञ के द्वारा फीता काटकर किया गया।  इस अवसर पर काफी संख्या में अतिथि एवं डॉक्टर गण उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि  कल्कि पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि शास्त्रों में कहा गया है कि स्वस्थ शरीर स्वच्छ चित रहता है यदि हमें जीवन को आनंदित रखना है तो शरीर को स्वस्थ रखना होगा।  तमाम मेडिकल साइंस मेडिकल अस्पताल आदि सब जीवन को स्वस्थ रखने के लिए ही हैं। उन्होंने कहा कि भगवान की ऐसी कृपा है कि मनुष्य का जीवन रिप्लेसेवल नहीं है भगवान ने उसका रिप्लेसमेंट नहीं बनाया है इंसान द्वारा बनाई गई चीज रिप्लेसेवल होती हैं। पर जीवन नहीं है जीवन का यदि एक पल भी बर्बाद हो जाए तो वापस नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शास्त्रों में लिखा है की अहिंसा परमो धर्मः परंतु सेवा भी परमो धर्म है लेकिन डॉक्टर का जो प्रोफेशन है उसमें अर्थ भी शामिल है । लेकिन यदि मनुष्य का लक्ष्य धन है तो जीवन अच्छा नहीं माना जाता अगर मनुष्य का लक्ष्य धर्म है और धन साधन है तो यह प्रशं