आओ जाने एक नीम के छोटे पौधे की व्यथा
मेट्रो मत न्यूज़ लेखिका डॉ कामिनी वर्मा :- हम छोटे नीम के पौधे बोल रहे हैं कृपया हमारी व्यथा कथा सुने हम चाहते हैं की पार्को में अधिक से अधिक लोग आएं और हमें बढ़ता हुआ देखें और हमें बड़ा करने के लिए प्रयास करें ताकि भविष्य में बड़े होकर हम भी लोगों को रोगमुक्त करने के लिए अपने औषधीय गुणों से युक्त पत्तों छालों एवं टहनियों को न्योछावर कर सकें पर अब हमें अपने तथाकथित रक्षकों से भय लगने लगा है क्योंकि
कृपया हमें बताएं नहीं तो आपको बड़े होकर प्राणवायु और औषधियां कैसे दे पाएंगे।
हम भी चाहते हैं बड़े होकर लोगों को लाभ दे चिड़ियों का घोंसला हमारी डालों पर हो, पथिक हमारी छाया में विश्राम करें बहुत सारी ऑक्सीजन लोगों को जीवन बचाने के लिए देंने लायक बने, पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में हम भी सहयोग कर सकें इस धरती माता का श्रृंगार करने का हमें भी अवसर मिले।