बाहर वालों से बचे रहो.......
मेट्रो मत न्यूज़ :-
चिकनी चुपड़ी सी बातों में, बलखाती नागिन सी चोटी में
जब लोभ गए नग नाथुन में, नैनन के नयन मटक्कन में
उल्टा पल्ला की साड़ी में, पायल और बिछुआ पैरों में
देखत में गोरी है भोली सी, पग चले लगे अलबेली सी
कोई गुणी कहे है रानी सी, कोई कहे लक्ष्मी दुर्गा सी
आई है यहाँ विचरने को, सब के दिल को छू लेने को
वादा करती है बड़े बड़े, इस बार विधायक बनने को
अब रहूँ यहीं है कर्म भूमि, सुख दुख सबका अब मेरा है
अब सेवा करती रहूँ सदा, यह निश्चय सौभाग्य हमारा है
सब लोग हमारे अपने हैं, सबका मुझ पर अधिकार सदा
मैं रहूँ ऋणी इन लोगों की, और रखूंगी सबको याद सदा
बातें सुनकर सब हर्ष उठे, सब किया न्योछावर देवी पर
सब एक साथ हैं बोल उठे, पगड़ी अब देवी के चरणों पर
देवी ने दगा दिया सबको , जब याद उन्हें घर आया है
कर्म भूमि का ध्यान कहाँ, अब सुख मेरा दुःख तेरा है
बदले सुर अब देवी के, जनता के मुंह पर ताला है
नीरज कहते हैं सुनो भाई, नेता अच्छा घर वाला है
जो साथ खड़ा हो मुश्किल में, नेता ऐसा चुनो सदा
जो लोकल और पड़ोसी हो, जिसका हो दीदार सदा
बाहर वालों से बचे रहो, अपना बच्चा ही अच्छा है
बाहर वाले हैं दगाबाज, बस अपना बच्चा ही सच्चा है
लेखक : नीरज पांडे