आर्य समाज को जन आंदोलन बनाना है :- अनिल आर्य

मैट्रो मत न्यूज ( चेतन शर्मा दिल्ली ) दिल्ली देहात के गुरुकुल खेड़ा खुर्द के 78 वें वार्षिकोत्सव पर भव्य समारोह का आयोजन किया गया व साथ ही आर्य समाज का 148 वाँ स्थापना दिवस मनाया गया।

उल्लेखनीय है कि 10 अप्रैल 1875 को प्रथम आर्य समाज की स्थापना महर्षि दयानन्द सरस्वती ने मुम्बई में की थी।कार्यक्रम का शुभारंभ आचार्य राजकुमार शास्त्री ने यज्ञ करवा कर किया। मुख्य अतिथि केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आर्य समाज मानव निर्माण का कार्य करता है इसे जन आन्दोलन बनाने की आवश्यकता है।महर्षि दयानन्द समग्र क्रांति के अग्रदूत थे उन्होंने लोगों के सोचने समझने की दिशा ही बदल ड़ाली।आर्य समाज के आंदोलन ने ही हैदराबाद निजाम को झुकने को मजबूर किया औऱ सरदार पटेल 500 रियासतों को इकट्ठा कर पाये।आज राष्ट्रीय विचारधारा से नई पीढ़ी को जोड़ने की आवश्यकता है जिससे अलगाववाद,आंतकवाद का युवा पीढ़ी मुकाबला कर सके।
चरित्रवान संस्कारित युवा राष्ट्र की धरोहर है। वैदिक विद्वान आचार्य गवेन्द्र शास्त्री ने कहा कि भारतीय संस्कृति कि रक्षा मे गुरुकुलों का महत्वपूर्ण योगदान है बाबा रामदेव जी जैसे महान पुरुष स्वदेशी व आयुर्वेद की सेवा कर रहे हैं।आज गुरुकुल शिक्षा पद्धति के प्रचार-प्रसार की अत्यन्त आवश्यकता है।कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान चौधरी ब्रह्मप्रकाश मान ने कि उन्होंने बताया की गुरुकुल मे 110 छात्र निःशुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं साथ ही 200 गाय भी फल फूल रहीं हैं।आचार्य सुधांशु ने कार्यक्रम का संचालन किया।स्वामी विश्वानंद जी, आचार्य प्रणवीर शास्त्री, प्रतिभा सपरा आदि ने भी अपने विचार रखे। प्रमुख रूप से ओम प्रकाश सपरा (पूर्व मेट्रो पोलटन मैजिस्ट्रेट), माता शांति ठाकरान,धर्मपाल परमार, रामानंद आर्य, सुरेन्द्र गुप्ता, देव प्रकाश मान,अमित चौधरी, सुनील गोयल,रमा चावला, सोहन लाल मुखी आदि उपस्थित थे।

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