पितरों के मोक्ष का सरल साधन है पिण्डदान :- लाल बिहारी लाल
मैट्रो मत न्यूज संवाददाता दिल्ली :- बहुत सदकर्म करने के बाद मानव के रुप में जन्म मिलता है और इस जन्म में सभी अपने ईच्छानुसार काम करते है। औऱ सभी को अपने-अपने कर्मों के हिसाब से मृत्यु के बाद परलोक में जगह मिलती है । सभी प्राणी के कमों का हिसाब या यूं कहे कि लेखा-जोखा देना पड़ता है। पर कुछ प्राणी अपने सद्कर्मों से पिछे रह जाते है. इससे उनकी आत्मा भटकती रहती है। उनके भटकती आत्मा को शांत करने या मोक्ष के लिए अपने पितरों का पिण्ड दान या श्रद्धा से श्राद्ध करते है इसलिए इसे श्राद्ध कहा गया।