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नेपाल के प्रधानमंत्री से ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय महासचिव ने की मुलाकात, विभिन्न मुद्दों पर चर्चा

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मैट्रो मत न्यूज ( नीरज दुबे नई दिल्ली ) काठमांडू! "अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा" के राष्ट्रीय महासचिव "तरुण मिश्रा" ने बुधवार को नेपाल के प्रधानमंत्री "शेर बहादुर देउबा" से मुलाकात की।  इस दौरान भारत-नेपाल संबंधों के अलावा विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। तरुण मिश्रा ने ब्राह्मण महासभा की आगामी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल होने के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री को निमंत्रण दिया, जिसे उन्होंने सहर्ष स्वीकार कर लिया। महासभा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नेपाल के प्रधानमंत्री के अलावा नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देव भंडारी भी शिरकत करेंगी। अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण मिश्रा  बुधवार की शाम 5 बजे नेपाल के प्रधानमंत्री से मिलने पहुंचे। इस मुलाकात के दौरान तरुण मिश्रा ने भारत-नेपाल के बीच संबंधों के अलावा नेपाल में ब्राह्मण समाज के उत्थान के बारे में विस्तृत चर्चा की। उन्हें अवगत कराया गया कि ब्राह्मण महासभा देश विदेश में ब्राह्मण समाज के उत्थान के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। तरुण मिश्रा ने बताया कि नेपाल के प्र

पुर्व उपमहापौर राजकुमार ढिल्लों द्वारा वृक्षरोपण का कार्यक्रम सम्पन्न

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मैट्रो मत न्यूज ( चेतन शर्मा दिल्ली ) पूर्वी दिल्ली के कल्याणपुरी में पर्यावरण दिवस के अवसर पर "सेंट्रल फ़ॉर एडवोकेसी सर्विसेस अंडर सुपरविजन" एंड "कोआर्डिनेशन ऑफ डी.एल.एस.ऐ" के तत्वाधान में विषव पर्यावरण दिवस पर 21 ब्लॉक झुग्गी कैम्प कल्याणपुरी के बड़े पार्क व वाल्मीकि मंदिर मे वृक्षरोपण का आयोजन किया गया। इस मोके पर इन.जी.ओ के संस्थापक ने पुर्वी दिल्ली के पूर्व उपमहापौर एवं विधानसभा प्रतियाशी राजकुमार ढिल्लों को  मुख्य अतिथि के रूप मे आमंत्रित किया व उनके हाथो से वृक्षरोपण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर राजकुमार ढिल्लों द्वारा स्थानीय निवासीयों को साथ लेकर उनके हाथ से भी पौधे लगवाये गये व उनको पौधों की देख रेख ,पानी देने की जिम्मेदारी भी सौंपी। इसके अलावा संस्था ने तीन दिन 3,4,5 रविवार तक आधार कार्ड बनाने व त्रुटिया ठीक करने का कैम्प भी लगा रखा है जिसमें सेंकड़ों माताए बहने,भाई, बुजुर्ग व बच्चे आकर कैम्प का लाभ उठा रहे है।इस मौके पर कुंदन चौहान, जयराज, नितिन लेखराज, अजय, दीपक, राजेश, आँचल, सविता व बच्चों ने भी पौधें लगवाने मे अपना सहयोग दिया।

जन भागिदारी के बिना पर्यावरण संरक्षण असंभव :- लाल बिहारी लाल

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मैट्रो मत न्यूज संवाददाता नई दिल्ली :- जब इस श्रृष्टि का  निर्माण हुआ तो इसे संचालित करने के लिए जीवों एवं निर्जीवों का एक सामंजस्य  स्थापित करने के लिए जीवों एवं निर्जीवों के बीच एक परस्पर संबंध का रुप प्रकृति ने दिया जो कलान्तर मे पर्यावरण कहलाया। जीवों के दैनिक जीवन को संचालित करने के लिए उष्मा रुपी उर्जा की जरुरत पड़ती है। और यह उर्जा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्षरुप से धरती के गर्भ में छिपे खनिज लवण,जल ,वायु एवं फसलों के उत्पादन से अन्न एवं फल-फूल से प्राप्त होती हैं। लेकिन धीरे-धारे आबादी बढ़ी तो इनकी मांग भी बढ़ने लगी। लेकिन आबादी तो गुणात्मक रुप से बढ़ी पर संसाधन प्राकृतिक रुप से ही बढ़े । इस बढ़ती हुई आबादी की मांग को पूरा करने के लिए प्राकृतिक संसाधनो पर दबाब तेजी से बढ़ा फलस्वरुप प्राकृतिक संसाधनों का दोहन तेजी से हुआ। जिससे पर्यावरण की नींव हिल गई । और इस प्रकृति द्वारा दिए सीमित संसाधनों के भण्डार के दोहन से मानव जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ने लगा है। 1844 में औद्योगिक क्रांति के बाद पर्यावरण पर दवाव काफी बढ़ा जिससे बढ़ती हुई आबादी को बसाने ,यातायात के  लिए परिवहन हेतु सड़कों का निर्