महर्षि दयानंद का समाज सदैव ऋणी रहेगा :- डॉ. रूपकिशोर
मैट्रो मत न्यूज ( चेतन शर्मा ) योग साधना एवं ऋग्वेद पारायण यज्ञ स्वामी चित्तेश्वरानंद सरस्वती एवं साध्वी प्रज्ञा के ब्रह्मत्व में कार्यक्रम संपन्न हुआ।
वेद पाठ गुरुकुल पोंधा के ब्रह्मचारीओं द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ. रूपकिशोर शास्त्री (कुलपति, गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार) ने कहा कि महर्षि दयानंद युग प्रवर्तक थे, उनके उपकारों को समाज सदैव याद रखेगा। आज आर्य समाज के सिद्धांतों को घर घर पहुचाने का संकल्प लेना है। "केन्द्रीय आर्य युवक परिषद" के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि अपनी संतानों को धर्म व संस्कृति के साथ जोड़े तभी वह वंश परंपरा आगे बढ़ेगी ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विजय कुमार आर्य (किरत पुर) ने की व मंत्री प्रेम प्रकाश शर्मा ने कार्यक्रम में आये अतिथियों का आभार व्यक्त किया। केंद्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय मंत्री प्रवीण आर्य ने गायत्री मंत्र एवं ईश्वर भक्ति गीत से शुभारंभ किया। स्वामी योगेश्वरानंद जी ने प्राकृतिक जीवन शैली से जीने पर बल दिया जिससे आप बीमारियों से बचे रहेंगे उन्होंने मिट्टी के हवन कुंडों में हवन करने और प्लास्टिक के बर्तनों में ना खाने पर बल दिया। सुप्रसिद्ध भजनोपदेशक सर्वश्री कुलदीप आर्य,पंडित रूहेल सिंह, श्रीमती प्रवीन आर्या आदि ने ईश्वर भक्ति व स्वामी दयानंद गुणगान गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। आगरा से पधारे प उमेशकुमार कुलश्रेष्ठ ने गागर में सागर भरते हुए कहा कि ऋषि दयानंद सर्वांगीण विकास की बात करते थे उन्होंने वेदों की ओर लौटो का उपदेश दिया जिसका भारत में कहीं कोई विरोध नहीं है सभी विद्वान वेद से जुड़ जाएं तो अज्ञान दूर हो सकता है भारत को एक सूत्र में पिरोने के लिए एक देश एक भाषा का होना जरूरी है इसलिए गुजराती होते हुए भी स्वामी दयानंद ने सत्यार्थ प्रकाश की रचना हिंदी में की भाषण भी हिंदी में दिए। पदमश्री डॉक्टर बीकेएस संजय ने सड़क सुरक्षा व यातायात के नियमों पर चलने पर बल दिया।
वैदिक विद्वान डॉ आचार्य वागीश जी गुरुकुल एटा ने कहा कि जब जब भी हम कमजोर हुए हैं तब तब ऐसी घटनाएं हुई हैं ब्राह्मण का केंद्र यज्ञ है यज्ञ का केंद्र संगति करण है जब-जब संगति करण बिगड़ने लगता है तो राष्ट्र टूटता है जब तक हम कारण पर ध्यान नहीं देंगे तब तक सफलता नहीं मिलेगी जातिवाद से देश टूटता है इसलिए इस से दूर रहो।जीतना हो तो श्री कृष्ण के तरीके से लड़ना, जीत निश्चित होगी। बागेश्वर से पधारे गोविंद सिंह भंडारी ने ऋषि दयानंद के मंत्वयों की प्रशंसा की और उस मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। और कहा इस आयोजन से भारतवर्ष ही नहीं अपितु विदेशों के लोग भी लाभ उठा रहे हैं। द्रोणस्थली आर्ष कन्या गुरुकुल की आचार्या डॉक्टर अन्नपूर्णा ने कहा कि जितनी भी समस्याएं हैं उनका समाधान वैदिक शिक्षा, वेद का ज्ञान है,इनके बिना समाधान नहीं हो सकता।अच्छे ज्ञान से सुंदर विचार होते हैं इससे जन जन का कल्याण हो सकता है।ज्ञान की पराकाष्ठा वैराग्य है इससे भी व्यक्ति परमात्मा की ओर बढ़ सकता है हमारा जीवन यज्ञमय होगा तभी जन कल्याण संभव हो सकता है। ब्रहमचारी विश्व पाल जयंत, आचार्य आशीष, श्रीमती इन्दूबालासिंह, महेश जी,हातिम सिंह,विजय आर्य आदि ने भी अपने विचार विचार व्यक्त किए। कवि वीरेंद्र कुमार राजपूत द्वारा रचित प्रथम भाग ऋग्वेद का काव्यार्थ पुस्तक का विमोचन हुआ उन्होंने कहा मेरा इसमें कुछ नहीं वह सब वही परमात्मा करवा रहा है। इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री योगराज अरोड़ा,विनेश आहुजा,अशोक वर्मा,ओम सपरा दशरथ भारद्वाज अनीता कुमार मृदुला अग्रवाल, डॉ सुमन,शैलेश मुनि,डॉ आनन्द सुमन सिंह,कांता कंबोज,मानपाल सिंह आदि उपस्थित रहे। मंच का कुशल संचालन केंद्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य द्वारा किया गया।