दिल्ली में "राष्ट्रीय ब्राह्मण महासम्मेलन" कार्यक्रम हुआ समपन्न
मैट्रो मत न्यूज ( लाल बिहारी लाल दिल्ली ) दिल्ली के कर्नाटक संघ सभागार , राव तुला राम मार्ग , नई दिल्ली में "अखिल भारतवर्षीय श्रीचौरासिया ब्राह्मण महासभा (पंजी.)" के शताब्दी समारोह के प्रथम चरण में प्रवेश करने यानी (99वें वर्ष के प्रवेश पर) भारत की 14 अन्य राष्ट्रीय ब्राह्मण संस्थाओं के प्रतिनिधियों के सान्निध्य में " राष्ट्रीय ब्राह्मण महासम्मेलन" का भव्य आयोजन किया गया।
जिसमें ब्राह्मण समाज की वर्तमान समस्याएँ एवं निदान , राष्ट्रीय ब्राह्मण आयोग का गठन , संविधान की धारा (30) की धारा (22) के अनुसार संशोधन अथवा समाप्ति , राष्ट्रीय ब्राह्मण समन्वय समिति /प्रतिनिधि सभा की स्थापना और श्री परशुराम राष्ट्रीय वेद विद्यालय एवं शास्त्र अनुसंधान संस्थान की स्थापना करना शामिल है। इस कार्यक्रम का उद्घाटनकर्ता प्रोफेसर राकेश कुमार पाण्डेय के दीप प्रज्वलन से हुआ। इस अवसर पर विभिन्न ब्राह्मण संस्थाओं से पधारे मंचासीन विभूतियों को शाल, अंगवस्त्र प्रदान करके सम्मानित किया गया जिनमें डॉक्टर कुलदीप शर्मा (जम्मू), राष्ट्रीय महामंत्री (ब्राह्मण आर्गेनाईजेशन ऑफ़ इंडिया), पंडित तरुण मिश्र (दिल्ली), अखिल भारत वर्षीय ब्राह्मण महासभा,पंडित देव दत्त शर्मा (आईएएस), राष्ट्रीय महामंत्री , राष्ट्रीय परशुराम परिषद्, पंडित शरद चन्द्र पाण्डेय (राष्ट्रिय महामंत्री- अखिल भारत ब्राह्मण एकता परिषद्), पंडित रविन्द्र रैना (फरीदाबाद), संयोजक -कश्मीरी पंडित समाज, डॉक्टर वी, डी शर्मा (उत्तराखंड), प्रचार मंत्री- ब्राह्मण समाज उत्थान परिषद्, पंडित मनोज पालीवाल (जोधपुर), अखिल भारत पालीवाल ब्राह्मण संघ, कर्नल दत्ता (मोहयाल ब्राह्मण सभा प्रतिनिधि), एडवोकेट रवि गौड़, स्थापनकर्ता एवं समन्वयक दी गौर फाउंडेशन, भारतीय नेपाली ब्राह्मण समिति के प्रतिनिधि श्री पंवार , विश्व ब्राह्मण संघ के संस्थापक अध्यक्ष पंडित मांगे राम शर्मा , श्री गिरी प्रसाद शर्मा (हैदराबाद), संस्थापक अध्यक्ष - ग्लोबल ब्राह्मण हेल्प डेस्क, रिभुकांत गोस्वामी , दी आल इंडिया ब्राह्मण सभा शामिल थे। इस कार्यक्रम के मुख्य संयोजक एवं संचालक इंजीनियर ओमप्रकाश वशिष्ठ ब्राह्मण के इतिहास एवं गौरव पर प्रकाश डाला।
फरीदाबाद से पधारे कश्मीरी पंडित समाज ने अपने संबोधन में कश्मीरी पंडितों में कश्मीर से पलायन का मुद्दे को विस्तार से साझा किया तथा सभी ब्राह्मणों को एकजुट होने का आह्वाहन किया। सेवानिवृत आईएएस अधिकारी पंडित देवदत्त शर्मा ने अपने विचार साझा किये उन्होंने ब्राह्मणों की गरिमा बताते हुए कहा की बाबा तुलसी दास ने भी रामायण में ब्राह्मणों की वैभवता का बखान किया और “वन्दयुं प्रथम महिसुर चरना” सर्वप्रथम ब्राह्मणों की वंदना की है। यदि हम भारत का इतिहास उठाकर देखें तब स्वतंत्रता सेनानियों की एक लम्बी लिस्ट हमें बतायेंगी की स्वतंत्रता संग्राम में ब्राह्मणों का क्या योगदान रहा है ।श्री चन्द्रशेखर आज़ाद, पंडित मदन मोहन मालवीय , तात्या टोपे, लक्ष्मी बाई आदि ने अहम भूमिका निभाई है। भगवान् राम ने सभी ब्राह्मण गुरुओं का सम्मान किया था। पंडित मांगे राम ने अनुराधा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक “पुरुष सूक्त” का लोकार्पण किया , पुस्तक के लेखक पंडित मुनिराज शर्मा (जो विश्व ब्राह्मण संगठन के राष्ट्रिय उपाध्यक्ष हैं), संपादक मनमोहन शर्मा ने सभी विभूतियों को ‘पुरुष सुक्त’ पुस्तक एवं राष्ट्रीय पाक्षिक पत्र “उत्कर्ष मेल’ की एक प्रति भेंट की. इस कार्यक्रम में उपस्थित सभी के अपने हाथ उठाकर राष्ट्रीय ब्राह्मण महासम्मेलन में रखे पाँचों बिन्दुओं का भरपूर समर्थन किया।