आर्य समाज राज नगर का 37वां वार्षिकोत्सव धूमधाम से हुआ सम्पन्न
मैट्रो मत न्यूज ( चेतन शर्मा गाजियाबाद ) आर्य समाज राज नगर के चार दिवसीय 37वां वार्षिकोत्सव धूमधाम से सम्पन्न हुआ।
इस कार्यक्रम में ऋग्वेदीय यज्ञ के साथ-साथ वेद सम्मेलन,आर्य महिला सम्मेलन,अध्यात्मिक सम्मेलन एवं राष्ट्र रक्षा सम्मेलन आदि विषयों पर आर्य जगत के विद्वानों एवं भजनोपदेशकों ने अपने उत्तम विचार समाज के समक्ष रखे।यज्ञ के ब्रह्मा डॉक्टर शिवदत्त पाण्डेय जी ने यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत अपने उद्बोधन में लोगों को बताया कि जो लोग विद्वान,धर्मात्मा,सज्जनों के साथ मिलकर यज्ञ आदि उत्तम कर्म करते हैं वह दुखों से, दुर्गुणों से,दुर्व्यसनों से बचे रहते हैं और सुख की प्राप्ति करते हैं।उन्होंने बताया कि अच्छे व्यक्तियों को पुरस्कार एवं बुरे व्यक्तियों को तिरस्कार करने की आवश्यकता आज समाज को है। जिससे कि अच्छे लोग उत्साहित होकर अच्छे कार्यों में लगे रहें और बुरे लोग हतोत्साहित होकर बुरे कार्यों से दूर हो सके।उन्होंने समाज से आह्वान किया कि मातृभूमि, मातृभाषा एवं मातृ संस्कृति की रक्षा का संकल्प हर व्यक्ति को लेना चाहिए।जिससे कि राष्ट्र की रक्षा हो सके और एक मजबूत राष्ट्र की स्थापना हो। हरियाणा से पधारे प्रसिद्ध भजनोपदेशक पंडित रामनिवास आर्य जी ने अपने मधुर भजनों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने बताया कि हमें भाषा, भूमि और सभ्यता की रक्षा करनी होगी। शास्त्र एवं शास्त्र दोनों का प्रयोग राष्ट्रहित में करना होगा।
आचार्य संजय याज्ञिक ने अपने उद्बोधन में कहा कि राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को सर्वहितकारी नियमों का पालन करते हुए अपनी सभ्यता, संस्कृति, परंपराओं,नैतिक शिक्षाओं की जड़ों को गहरा करके एक सुदृढ़ राष्ट्र बनाने का प्रयास करना चाहिए।उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि जैसे जब जंगल में आग लगी हो और सब जलकर राख हो जाए तो जिन पेड़ों की जड़ें गहरी होती हैं वह पुनः अंकुरित हो उठते हैं।लेकिन जो वृक्ष कमजोर जड़ों के साथ खड़े रहते हैं उनको आंधी भी उखाड़ देती है और वो पुनः नही उग पाते।इसलिए हम सभी को अपनी सत्य सनातन परंपराओं, राष्ट्रभक्ति,नैतिकता,सजगता रूपी जड़ों को गहरा और मजबूत बनाने की परम आवश्यकता है। राजनगर क्षेत्र के पार्षद श्री राजेंद्र त्यागी जी ने वर्तमान परिवेश में चल रही गतिविधियों पर पैनी नजर बनाए रखने की आवश्यकता की ओर समाज का ध्यान इंगित किया।उन्होंने बताया कि हमें जहां बाहरी दुश्मन जैसे चीन एवं पाकिस्तान से मुकाबला करने के लिए सैन्य शक्ति एवं बॉर्डर पर व्यापक सैन्य निर्माण की आवश्यकता है। वहीं देश के अंदर भी जो देश विरोधी लोग, शक्तियां देश को कमजोर करने में लगे हुए हैं उनकी पहचान कर उनको कमजोर करने का प्रयास सरकार एवं समाज को करना चाहिए। उन्होंने जातिवाद को राष्ट्र के विकास में एक प्रमुख रुकावट मानते हुए समाज से आह्वान किया कि हम सब जातियों में ना बंटकर एक श्रेष्ठ भारतीय बने और मजबूत भारत का निर्माण करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे हैं आर्य समाज राजनगर के संरक्षक श्री श्रद्धानंद शर्मा जी ने सभी लोगों से आग्रह किया कि राष्ट्र को मजबूत करने हेतु हर व्यक्ति,चाहे वह किसी भी क्षेत्र में कार्यरत हो,अपना योगदान सुनिश्चित करे। धर्मांतरण को राष्ट्रांतरण बताते हुए उन्होंने इसको चिंतनीय विषय बताया। आर्य समाज के प्रधान डा. वीरेन्द्र नाथ सरदाना ने दूर दराज से पधारे आर्य समाजों के अधिकारियों और सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच का कुशल संचालन यशस्वी मंत्री श्री सत्यवीर चौधरी ने किया। इस अवसर पर मुख्य रूप से सर्वश्री ओम प्रकाश आर्य,शशि बल गुप्ता,कौशल गुप्ता,वंदना अरोड़ा,शिल्पा गर्ग,आशा आर्या, रामनिवास शास्त्री,प्रमोद चौधरी, गौरव सिंह, प्रवीण आर्य आदि उपस्थित रहे। शांति पाठ व भोजन पैकेट वितरण के साथ सभा संपन्न हुई।