राष्ट्र निर्माण में आर्य समाज की अहम भूमिका :- अनिल आर्य
मैट्रो मत न्यूज ( चेतन शर्मा ) वैदिक साधन आश्रम, तपोवन, देहरादून का गत 20 अक्टूबर से चल रहा "शरद उत्सव"सोल्लास संम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम में देश के विभिन्न स्थानों उत्तर प्रदेश,दिल्ली,राजस्थान, पंजाब, बागेश्वर, आसाम, अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा,आंध्र प्रदेश, झारखंड आदि से भी श्रद्धालु आर्य जन सम्मिलित हुए। वैदिक विद्वान आचार्य आशीष ने कहा कि यज्ञ परोपकार की भावना का संदेश देता है। प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह समाज के लिए कुछ करे।हर व्यक्ति में कोई गुण या विशेषता होती है उसे वह सेवा भावना के साथ उस आम व्यक्ति तक पहुंचानी चाहिए। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि आर्य समाज का राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान है, कोरोना काल मे गतिविधियां रुक गई थी अब पुनः कार्य क्षेत्र में जुटने की आवश्यकता है। समाज में बढ़ता अंधविश्वास,पाखण्ड आर्यो के लिए चुनौती है।विश्व में आंतकवाद भी चुनौती है आर्य समाज को फिर से इन चुनोतियो का सामना करना है और देश की एकता अखण्डता की रक्षा का संकल्प लेना है राष्ट्र हित सर्वोपरि है।राष्ट्र रहेगा तो हम सब रहेगे। स्वामी मुक्तानंद (अहमदाबाद) द्वारा दैनिक यज्ञ करवाया गया व स्वामी चितेश्वरानंद ने योग साधना करवाई।
अमृतसर से प.दिनेश पथिक, प.रुबेलसिंह आर्य(सहारनपुर), मीनाक्षी पंवार,निकिता आर्या, प्रवीण आर्या(दिल्ली),के के पाण्डेय ने मधुर भजन प्रस्तुत किये। आचार्य विष्णुमित्र वेदार्थी (बिजनोर),आचार्य अन्नपूर्णा जी, आचार्य शैलेश मुनि,साध्वी प्रज्ञा, प्रो.सुखदा सोलंकी,गोबिन्द सिंह भंडारी (बागेश्वर),शत्रुधन मौर्य, मानपाल सिंह आदि ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सुखबीर सिंह वर्मा (98 वर्षीय) ने की उन्होंने गौ सेवा पर जोर दिया। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद् उत्तर प्रदेश के प्रांतीय मंत्री प्रवीण आर्य ने अपने संदेश में कहा कि कोरोना काल के बाद आर्य समाज को पुनः चरित्र निर्माण शिविरों के माध्यम से युवा पीढ़ी को सुसंस्कारित करना होगा,युवा पीढ़ी ही राष्ट्र की धरोहर है। आश्रम के कर्मठ मंत्री प्रेमप्रकाश शर्मा व प्रधान विजय आर्य ने सभी का अभिनंदन किया। प्रमुख रूप से योगराज अरोड़ा, मंजीत सिंह,वेद मिगलानी,अशोक वर्मा,डॉ. नवदीप, सूरतराम शर्मा, प्रेम सचदेवा,देवेन्द्र सचदेवा ,सुरेंद्र बुद्धिराजा,नरेन्द्र कस्तूरिया, सुशील भाटिया, चन्दन सिंह, भगवान सिंह राठौड़ ,महेन्द्र सिंह चौहान आदि उपस्थित थे।