आज सम्पूर्ण देश की राजनीति मे कुछ तथाकथित चाटुकार है :- मणिकेश चतुर्वेदी

मैट्रो मत न्यूज ( चेतन शर्मा दिल्ली ) आज सम्पूर्ण देश की राजनीति मे कुछ तथाकथित चाटुकार होते है। कहना है शैडो कैबिनेट संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष "मणिकेश चतुर्वेदी" का जो सालो से "यमुना प्रदूषण मुक्ति" अभियान चला रहे है। 

उन्होंने बताया वो मथुरा उत्तर प्रदेश मे भी है। जो इन नेताओं से निजी लालच और राजनितिक चमक पाने के ऐवज मे अपनी माँ यमुनाजी के पौराणिक वास्तविक निर्मल जल स्वरूप का सौदा कर विरोध करने वालों श्रद्धालुओ  की भावनाओ का कत्ल भी कर सकते है । ज़हर घोलने वालों का साथ सिम्पैथी भरा भाव दे सकते है। पर अपने घर की पूर्वजो से चली आ रही पूजक जम फन्द मुक्त दायनी को खुश हाल नहीं देख सकते।अब समय आ गया है। जो जो लोग यमुना माँ के नाम पर अपने  धंधे रोजगार, यजमानी मठ, मंदिर, बैठक, पीठ पूजा हवेली बनाए पूज रहे है गुरु घंटाल बने बैठे है उनको झकझोर कर जगाने की जरुर्त  है और माँ यमुना जल मुक्ति हेतु साथ लेने की और यदि वो ऐसा करने मे आना कानी करें तो उनकी पूजाईगिरि और पूजां पर रोक लगाई जाए ऐसे भी अपराधी किस्म के लोग मथुरा तक भी ना पहुँच सके।
मेरा मतलब खास कर महा प्रभु बल्लभाचार्य के पुष्टिमार्गिय्वै ष्णवो के बने उन हजारों धर्म गुरुओ से है। जो चन्द दवंग यमुना पुत्रो को अपने आर्थिक प्रभाव मे खरीद लेते है और बदले मे मुँह बंद रखने पर समय समय पर धनबल पर उनकी आव भगत करते है। और *यमुना जी श्री गोवर्धन नाथ जी* को लेजाकर बड़े बड़े उधोग चला रहे है और विश्व के देश विदेशो तक अपना व्यापार फैलाये बैठे है। और यमुना माँ की स्तिथी पर ज़रा भी गौर नहीं करते तुरंत धृतराष्ट की भूमिका निभा लेते है।जबकि वो तन मन  धनबल बाहुबल से सक्षम भी है । और राजनितिक पकड़ भी रखते है। सब एक साथ खड़े हो लड़ाई बड़ी है। मथुरा वासी बिक तो सकते है पर यमुना जी के लिए लड़ नहीं सकते। क्योकि 2014 से मे अकेला यमुना जी की लड़ाई मे शामिल हूँ जब यमुनाजी की डुप्लिकेट कॉपी बनने से रुकवाने के लिए युद्ध किया था वो आज भी चालू है पर किसी ने साथ नहीं दिया अब आदि हो चुका हूँ। श्रीयमुना जलप्रदुशन् मुक्ति मंच & कम्पनी मथुरा यदि अपने बल पर कार्य कर रही थी तो इनको लॉगो की सिम्पैथी और साथ की जरूरत ही क्यूँ पड़ी थी। लोग तो अपने आप जुड़ जाते जैसे आज हमारे साथ देश के लाखों लोग जुड़े हुए है। उन्होंने बताया 7 अगस्त 2021 से मथुरा मे "श्रीयमुना जल प्रदुषण मुक्ति" हेतु प्रस्तावित अनशन की विफलता को देखकर श्रीयम् यमुना सेवा संकल्प दिल्ली टीम ने निर्णय किया और 7 तारीख को आज माँ यमुना जल मुक्ति आंदोलन की शुरुआत संखनाद् करके की, कल से बहुत आंतरिक पीड़ा एवं दर्द का अहसास किया जा रहा था जब से आमरण अनशन को खत्म किया गया हालाकि आंदोलन जीवियों ने तो कहा कि हमने खत्म नहीं किया है। लेकिन स्थगित करने का मतलब ही यही था वो थक गए डर गए बिक गए कि पहले 31 अक्टूबर तक विधायक श्री श्रीकांत शर्मा जी के झूठे आस्वासनो का इंतजार करो। उसके उपरांत 31 दिसंबर तक सांसद हेमा मालिनी जी के झूठे आस्वासनो का इंतजार करो, इतने मे यूपी चुनाव की आचार संहिता लग जानी है । फिर चुनाव के परिणामो का इंतजार करो ?? फिर जरुरी नहीं?? पता नहीं ऊंट किस करवट बैठे कोई भरोसा नहीं इन पापी अधर्मी डूबाउ नेता अधिकारियो का? इसलिये उस अनशन और इसके कर्ताओ को बिना बैठे ही खत्म मान लिया गया।
मैंने रिक्वेस्ट भी की है उनसे कि अब आपके बस का नहीं है। आप दोबारा कभी भी आमरण अनशन का नाटक ना करें अब माँ यमुना जी जिस तरीके से करवाएगी हम वैसे ही करेंगे और उसके लिए आज दिल्ली आईटीओ छठ घाट से श्रीयम् यमुना सेवा संकल्प द्वारा यमुना आंदोलन का शंखनाद कर दिया गया है उससे पहले भारी बारिश का सामना किया गया इसको भी हम शुभ मुहूर्त और इंद्र देव की कृपा मानते हैं। देवी देवता खुश हुए और हमने यमुना जी के भाई यमराज जी को भी शंखनाद में सम्मिलित किया वह हमारे साथ है ।  विभिन्न तरीकों से यमुना जल की शुद्धि के लिए कार्य चलता रहेगा, अनवरत अविरल् यमुना जी जल की शुद्ध स्थिति को पैदा करने के लिए बहुत सारे अलग- अलग तरीकों से यमुना शुद्धता का यह कार्य  होगा।
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