"श्री कृष्ण" कुशल राजनेता, कूटनीतिज्ञ व शस्त्र-शास्त्र से परिपूर्ण थे :- अनिल आर्य
मैट्रो मत न्यूज ( चेतन शर्मा नई दिल्ली ) केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में योगीराज "श्रीकृष्ण" जी का 5223 वां जन्मोत्सव ऑनलाइन सोल्लास मनाया गया। इस मौके पर वैदिक विद्वान आचार्य "हरिओम शास्त्री" ने कहा कि आज से लगभग 5222 वर्ष पहले द्वापर युग की समाप्ति पर भारत वर्ष के मथुरा में महात्मा योगीराज "श्रीकृष्ण" जी का जन्म हुआ था। योगीराज "श्रीकृष्ण" जी ने वैदिक मर्यादाओं की रक्षा करने हेतु समस्त दुष्टों और अत्याचारी राजाओं का नाश किया, इस क्रम में उन्होंने अपने सगे मामा कंस का भी विनाश कर डाला। योगीराज भगवान "श्रीकृष्ण" जी ने *"आपत्काले मर्यादा नास्ति"* के अपूर्व सिद्धांत का प्रतिपादन किया। उन्होंने वैदिक शास्त्रों के अनुसार *श्रीमद्भगवद्गीता* जैसे महान आध्यात्मिक ज्ञान ग्रन्थ का उपदेश अत्यंत कठिन समय में युद्धक्षेत्र से पलायन करते हुए अर्जुन को देकर उसे धर्मयुद्ध हेतु प्रेरित किया। अपने उपदेश का महत्व बताते हुए वे कहते हैं कि- *सर्वोपनिषदो गाव:,दोग्धा गोपालनन्दन:।*पार्थो वत्सो सुधीर्भोक्ता,* *दुग्धं गीतामृतं महत्।।अर्थात्-