आत्मिक शक्ति ऊर्जा का स्रोत है :- अनिल आर्य "आर्य गोष्ठी में किसान नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह के निधन पर दी गई श्रद्धांजलि"

मैट्रो मत न्यूज ( चेतन शर्मा दिल्ली ) केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "मानसिक ऊर्जा के स्रोत"  विषय पर आर्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन किया गया। इस इस मौके पर आचार्य संदीप आर्य ने बताया कि व्यक्ति को शारीरिक बल के साथ साथ मानसिक बल और ऊर्जा की भी बहुत आवश्यकता होती है। बहुत से कार्य मानसिक बल से ही संपन्न होते हैं। आज के इस व्यस्ततम जीवन में व्यक्ति के सामने अनेक प्रकार के संघर्ष, विषम परिस्थितियां उत्पन्न हो गई है। जिनको सहन करने के लिए उसे भीतर से तैयार रहने की आवश्यकता है।
Kयोग दर्शन के आधार पर उन्होंने चित्त की तीन स्थितियां बताई सात्विक, राजसिक और तामसिक। इनमें से सबसे अच्छी सात्विक होती है जिसे योग के माध्यम से प्राप्त किया जाता है। मानसिक ऊर्जा के स्रोतों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया  कि 5 स्रोतों से इसे प्राप्त किया जा सकता है। जिसमें सर्वप्रथम ईश्वर का आश्रय, दूसरा ध्यान, तीसरा संगति, चौथा परिस्थितियों का सहन करना और पांचवा शिव संकल्प - इन उपायों को अपनाने से मानसिक ऊर्जा में सतत वृद्धि होती है। जिससे जीवन की विपरीत परिस्थितियों में व्यक्ति अपने आप को सहज रखता हुआ जीवन को सुख पूर्वक जी सकता है। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि व्यक्ति की आत्मिक शक्ति उसके आत्म चिंतन से बनती है और आत्मिक शक्ति मानसिक ऊर्जा का स्रोत है जिससे व्यक्ति बड़े से बड़ा कार्य  आसानी से कर सकता है। मुख्य अतिथि आर्य नेता अर्जुन देव दुरेजा ने कहा कि आर्ष साहित्य और ग्रन्थो को पढ़ने से मानसिक व आत्मिक शक्ति मिलती है।अध्यक्षता करते हुए प्रवीन चावला ने कहा कि यज्ञ करने से शक्ति मिलती है वह कठिनाइयों का मुकाबला आसानी से कर सकता है।आर्य नेता हरिचंद स्नेही ने कहा कि आर्य वेबिनार लोगो का तनाव कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि योग मानसिक शांति व ऊर्जा का स्रोत हैं। किसान नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीतसिंह के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। गायिका पुष्पा चुघ, संध्या पांडेय, आशा आर्या, कुसुम भंडारी, दीप्ति सपरा, डॉ रचना चावला, प्रवीना ठक्कर, ईश्वरदेवी आदि ने भजन प्रस्तुत किये। आचार्य महेन्द्र भाई, यशोवीर आर्य, आनन्द प्रकाश आर्य, सौरभ गुप्ता, राजकुमार भंड़ारी, रवीन्द्र गुप्ता, उर्मिला आर्य, लक्ष्मण पाहुजा, चंद्र कांता आर्या आदि उपस्थित थे।

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