ऋषि दयानंद जीवन चरित्र को पढ़कर ऊर्जा का संचार होता है :- जयेंद्र आचार्य
मैट्रो मत न्यूज संवाददाता गाजियाबाद :- वेद प्रचार परिषद् (पंजी.) के तत्वावधान में ऋषि दयानंद जन्मोत्सव पर डॉ. जयेन्द्र कुमार आचार्य ( कुलपति आर्ष गुरूकुल नोएडा ) के ब्रह्मत्व में बहुकुण्डीय यज्ञ संकल्प वाटिका, सेक्टर 15, वसुन्धरा में धूम धाम से संपन्न हुआ।
भजनोपदेशक आर्य मानव गुप्ता एवं सुश्री निहारिका चौहान ने अपने भजनों के माध्यम से महर्षि स्वामी दयानंद का गुणगान किया जिसे सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए। मुख्य वक्ता व यज्ञ के ब्रह्मा डा. जयेंद्र आचार्य ने अपने उद्बोधन में कहा कि मां अमृतबाई की कोख से ऐसा रत्न ऋषि दयानंद के रूप में पैदा हुआ जिसने वेदामृत दुनियां को पिलाया,उनके जीवन चरित्र को पढ़कर ऊर्जा का संचार होता है।आर्य समाज के संस्थापक,वेदोद्धारक,वैदिक आर्य सभ्यता के पुनरुद्धारक,संस्कृत के प्रकांड पण्डित,स्वराज्य के सूत्रधार,महान वेदज्ञ संन्यासी ऋषिवर देव दयानंद सरस्वती जी महाराज के जन्मदिन पर उनको कोटि कोटि नमन-वंदन करते हुए उन्होंने कहा इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं है कि अगर स्वामी दयानंद सरस्वती जी न होते तो भारत में आज सनातन हिंदू संस्कृति का नामोनिशान भी न होता। जिन्होंने सबको वेद पढ़ने का अधिकार होने की बात कही तथा 'वेदों की ओर लोटो' का नारा दिया।
ऋषि के अपार ऋण का एक करोड़वां हिस्सा भी यदि हम चुका पाएं तो यही हमारी ऋषिवर देव दयानंद को सच्ची श्रद्धाजंलि होगी। परिषद् के प्रांतीय मंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि ऋषि दयानंद सरस्वती एक नाम जिसने गुलाम भारत को एक नवचेतना प्रदान की।महाभारत के बाद ५००० सालो से चलते आ रहे सत्य सनातन वैदिक धर्म के पतन को रोकने का एक प्रभावी और ठौस प्रयास किया। मुख्य अतिथि के रूप में पधारे वेद प्रकाश आर्य अध्यक्ष केन्द्रीय आर्य युवक परिषद,पूर्वी दिल्ली ने समारोह के आयोजकों को सुन्दर कार्यक्रम के लिए बधाई दी। समारोह अध्यक्ष समाजसेवी विनोद त्यागी ने अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी दयानंद ने वेदों के प्रमाण देते हुए स्त्रियों दलितों शुद्रो को पढ़ने का अधिकार दिलवाया और वेदों के प्रमाण देते हुए हिन्दू समाज मे जातिवाद,अन्धविश्वास, सतिप्रथा,अस्पर्शता आदि का पुरजोर विरोध किया। मंच का कुशल संचालन परिषद् की प्रधाना श्रीमती ममता चौहान ने किया इस अवसर पर मुख्य रूप से श्रीमती आशा चौहान,प्रवीन चौधरी,संतोष वैश्य,वंदना चौहान सर्वश्री सत्य पाल आर्य योगाचार्य करण सिंह बर्मा,देवेन्द्र प्रकाश गुप्ता एवं यज्ञवीर चौहान आदि मौजूद रहे।