बच्चों को कार नहीं संस्कार दीजिये :- प्रो. दिनेश चहल

मैट्रो मत न्यूज संवाददाता :- गाजियाबाद केंद्रीय आर्य युवक परिषद के तत्वावधान में "आर्य समाज और युवा" विषय पर आर्य गोष्ठी का आयोजन ऑनलाइन ज़ूम पर किया गया।

प्रो. दिनेश चहल(जींद) ने कहा कि आज युवाओं को कार नहीं अपितु संस्कार देने की आवश्यकता है।उन्हें शिक्षित नहीं अपितु दीक्षित करने की आवश्यकता है तभी परिवार व समाज का ताना बाना,ढांचा सुधर सकता है।आर्य समाज ने राष्ट्रवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण योगदान किया है।इसके अनुयायियों ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में बढ-चढ कर भाग लिया।आर्य समाज के प्रभाव से ही भारतीयों के भीतर स्वदेशी आन्दोलन आरम्भ हुआ था।महर्षि दयानंद आधुनिक भारत के धार्मिक नेताओं में प्रथम महापुरूष थे जिन्होने 'स्वराज्य' शब्द का प्रयोग किया।आज युवा वर्ग को आर्य समाज की विचारधारा से जोड़ने का कार्य आर्य समाजियों के लिए प्राथमिकता होनी चाहिए जिससे समाज व राष्ट्र को मजबूती प्रदान की जा सके। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि युवा किसी देश व समाज की रीढ़ होते हैं।उनके कंधों पर ही देश का भार होता है। युवाओं के चरित्र निर्माण का अभियान तेज गति से चलाना चाहिए।इसकी पहल आर्य समाज ने की है।परिषद चरित्र निर्माण शिविरों,युवा संस्कार अभियान व प्रतियोगिताओं के माध्यम से युवा पीढ़ी को आर्य समाज से जोड़ने व भारतीय संस्कृति से जोड़ने का कार्य कर रहा है जिससे वह राष्ट्रवाद की मुख्य धारा से जुड़ें। मुख्य अतिथि आर्य नेत्री रूही बब्बर(प्रदेश अध्यक्ष,आर्य युवती परिषद जम्मू कश्मीर) ने कहा कि युवाओं के रोल मॉडल आज फ़िल्म स्टार हो गये है,उन्हें अपने महापुरुषों,क्रांतिकारियों के गौरव पूर्ण इतिहास से परिचित करवाने की आवश्यकता है। कार्यक्रम अध्यक्ष केन्द्रीय आर्य युवक परिषद हरियाणा के उपाध्यक्ष ईश आर्य ने कहा कि युवा पीढ़ी आज दिग्भ्रमित हो रही है योग,यज्ञ व वेद के समन्वय से उन्हें सही मार्ग पर लाया जा सकता है। केन्द्रीय आर्य युवक परिषद उत्तर प्रदेश के प्रांतीय महामंत्री प्रवीण आर्य ने कहा कि युवाओं की ऊर्जा को सही मार्ग में लगा दिया तो राष्ट्र निर्माण में उन्नति होगी। गायिका बिन्दु मदान,सुशांता आर्या,विजय लक्ष्मी,रविन्द्र गुप्ता, कुसुम भण्डारी,ईश्वर देवी आर्या, प्रवीना ठक्कर,जनक अरोड़ा, प्रतिभा कटारिया,मधु खेड़ा आदि ने अपने गीतों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। आचार्य महेन्द्र भाई,आनन्द प्रकाश आर्य,डॉ रचना चावला, सौरभ गुप्ता विजय हंस,अतुल सहगल,ललित बजाज,उर्मिला आर्या आदि उपस्थित थे।

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