लालकिले पर तिरंगे का अपमान अक्षम्य अपराध :- अनिल आर्य

मैट्रो मत न्यूज :- गाज़ियाबाद केंद्रीय आर्य युवक परिषद और मित्र संगम पत्रिका के संयुक्त तत्वाधान में गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में ऑनलाइन "काव्य गोष्ठी" का आयोजन किया गया।

केन्द्रीय आर्य युवक परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल आर्य ने कहा कि लालकिले पर तिरंगे का अपमान अक्षम्य अपराध है, राष्ट्रीय एकता,अखंडता,संप्रभुता को चुनोती देने वाले किसान नहीं हो सकते।आज नई पीढ़ी को देश की आजादी के स्वतंत्रता संग्राम को बतलाने व समझाने की आवश्यकता है जिससे वह आजादी का सही अर्थ समझ सकें।सबल और संस्कारित युवा शक्ति एक महान लोकतंत्र और गणतंत्र की असली शक्ति और संबल है।हमारा भारत देश विश्व का एक बहुत प्राचीन और महान अनुपम लोकतंत्र है इसकी रक्षा का संकल्प फिर से दुहराने की आवश्यकता है। मुख्य अतिथि साहित्यकार हरीश नवल ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस दो हमारे राष्ट्रीय पर्व है इसकी रक्षा करना प्रत्येक भारतवासी का कर्तव्य है। पूर्व मेट्रो पोलटेने मेजिस्ट्रेट ओम सपरा ने कहा कि देश की आजादी में आर्य समाजियों ने सर्वाधिक योगदान दिया। मित्र संगम पत्रिका के संपादक, आकाशवाणी के पूर्व सहायक केंद्र निदेशक प्रेम वोहरा को  भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। ओम सपरा ने अपनी कविता " मित्रो मन तो अधीर है,संतप्त मन से,आओ हम करें शहीदों को नमन ! निडर हो देशवासी,करें स्वयं पर गर्व,स्वार्थों का हम तभी कर सकेंगे हवन।" सुनाकर वातावरण को भावुक कर दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ रवीन्द्र गुप्ता,प्रतिभा सपरा,डॉ अल्पना गोयल,दीप्ति सपरा के ओजस्वी गीत और सदाबहार मुक्तकों से हुआ। इस भव्य वेबिनार में मुंबई से वरिष्ठ फिल्म निर्माता,कवि,एक्टर श्री दिनेश लखनपाल,प्रो.कुलदीप सलिल,नरेन्द्र आहूजा विवेक, उमेश मेहता,कवि मोहन लाल शास्त्री,प्रतिभा कटारिया ने अपनी ग़ज़लों,गीतों से सभी श्रोताओं को राष्ट्रीय प्रेम की भावना से सराबोर कर दिया।।इसके अतिरिक्त प्रसिद्ध हृदय रोग चिकित्सक और बिरजू महाराज कि शिष्या,वरिष्ठ नृत्यांगना डॉ नीलम वर्मा,रीता जयहिंद हाथरसी,नमिता राकेश, हरमिंदर पाल,मुंबई से प्रवीणा ठक्कर, बंगलुरू से माता चंद्र कांता जी, अनीता रेलहन,कमलेश हसीजा, जनक अरोरा,राज कुमार भंडारी,प्रवीन आर्य (गाजियाबाद), सौरभ गुप्ता ने अपनी देश भक्ति से पूर्ण कविताएं सुनाई। कार्यक्रम का संचालन ओम सपरा ने किया और ३० लोगों ने अपनी गद्य और पद्य की रचनायों से देश भक्ति की धारा प्रवाहित की और अमर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि दी। विजय सहगल और सरदार हरभजन सिंह दिओल ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

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