मकर संक्रांति पर्व सामाजिक परिवर्तन का सन्देश देता है :- प्रवीण आर्य

मैट्रो मत न्यूज ( चेतन शर्मा दिल्ली ) गाज़ियाबाद में मकर संक्रान्ति के पावन पर्व पर सेवा सदन, न्यू कोट गांव, गाजियाबाद मे प्रसाद स्वरुप खिचड़ी वितरण का कार्यक्रम किया गया। इस अवसर पर सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।

 इस मौके पर केंद्रीय आर्य युवक परिषद के प्रांतीय महामंत्री ने कहा कि मकर संक्रांति से सूर्य का प्रकाश बढ़ने लगता है।प्रकाश बढ़ने के कारण प्रकृति के जीवन में नई चेतना तथा ऊष्मा आने लगती है तथा अन्न पकने लगता है। सर्दी के कारण शिथिल पड़े मानव के अंगों में पुनः उत्साह और स्फूर्ति का संचार होता है। यह दिन समाज को अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर जाने की प्रेरणा देता है। जिस प्रकार प्रकृति में होने वाले सम्यक् दिशा के परिवर्तन का हम स्वागत करते हैं, ठीक उसी प्रकार समाज जीवन को बढ़ाने एवं मजबूत करने वाले परिवर्तनों का भी समर्थन अति आवश्यक है। इस दृष्टि से मकर संक्रांति का यह उत्सव सामाजिक परिवर्तन का सन्देश देता है। 
इस अवसर पर महामंत्री चौधरी मंगल सिंह ने कहा की उत्तर भारत में यह पर्व 'मकर सक्रान्ति के नाम से और गुजरात में 'उत्तरायण' नाम से जाना जाता है। मकर संक्रान्ति को पंजाब में लोहडी पर्व, उतराखंड में उतरायणी,गुजरात में उत्तरायण, केरल में पोंगल,गढवाल में खिचडी संक्रान्ति के नाम से मनाया जाता है। भारत वर्ष त्योहारों का देश है,यहां हर त्यौहार जीवन मे उत्सव,उमंग लेकर आता है। भाजपा के वरिष्ठ नेता सुभाष शर्मा ने कहा की मकर संक्रान्ति के दिन दान करने का महत्व अन्य दिनों की तुलना में बढ जाता है। इस दिन व्यक्ति को यथासंभव किसी गरीब को अन्नदान,तिल व गुड का दान करना चाहिए।तिल या फिर तिल से बने लड्डू या फिर तिल के अन्य खाद्ध पदार्थ भी दान करना शुभ रहता है।धर्म शास्त्रों के अनुसार कोई भी धर्म कार्य तभी फल देता है,जब वह पूर्ण आस्था व विश्वास के साथ किया जाता है। जितना सहजता से दान कर सकते हैं,उतना दान अवश्य करना चाहिए।मकर सक्रांति के पावन पर्व पर सभी क्षेत्रवासियों को हार्दिक शुभकामनायें दी। चौधरी मंगल सिंह ने महासन्क्रान्ति पर्व की महत्ता बताते हुए कहा कि मनुष्य जीवन जीने के लिए स्वांस एक बहुत आवश्यक तत्व है मगर छोटा स्वांस लेने की वजह से हमारे शरीर की ऑक्सीजन की आवश्यकता पूरी नहीँ होती जिस की वजह से शरीर में नए सैलों की उत्तपत्ति की रफ्तार धीमी हो जाती है और हम वृद्धावस्था की ओर बढ़ चलते हैं ,तथा पानी कम पीने की वजह से भी हमें विभिन्न बीमारियां होने का खतरा रहता है,आपने आगे कहा कि किसानों द्वारा फसलों में बहुत अधिक  किटनाशकों का प्रयोग करने की वजह से  भी हमारा खाना जहरीला हो गया है किटनाशकों का प्रयोग तुरंत बंद करना होगा नहीं तो अगले दस वर्षों में अधिकांश जनता कैंसर से पीड़ित हो जाएगी। इस मौके पर सर्वश्री संजय चौधरी, अजय चौधरी, रचना , मोनिका, रिया बंसल, गीताचौधरी, एम के सेठ, सुभष चन्द जी, डॉ पी के वर्मा, बी पी,वाई पी गुप्ता, नेमपाल सिंह, आशा शर्मा अधिवक्तता, चंचल गुप्ता, संजय सिंह, पूनम कौशिक, राकेश सोनी, बी एम गुप्ता, अमित तायल, सुरेश राना, प्रमोद जी,सतीश गर्ग, सिनील नागर, सुनील चौधरी, सुभाष शर्मा, विपिन सिंघल, राघव जी, सागर जी, यादव, राजनी गुप्ता, डॉ विवेचना शर्मा (वैद्य) ,चौ गजेंद्र सिंह,नवनीत तौमर, प्रशांत सिंह, सतीश गर्ग, हेमन्त सिंघल, उषा चौहान, रीना शर्मा, श्रवण कुमार, जगबीर सिंह आदि तथा समस्त क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अहिंसा परमो धर्मः परंतु सेवा भी परमो धर्म है :- आचार्य प्रमोद कृष्णम

पयागपुर विधानसभा के पुरैनी एवं भवानी पुर में विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम का हुआ आयोजन

भीषण गर्मी के कारण अधिवक्ता रामदयाल पांडे की हुई मौत