कॉरोना काल में दर्द एवं गर्दन दर्द की बढ़ती परेशानियों से कैसे बचें :- स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट प्रकाश झा

मैट्रो मत न्यूज ( चेतन शर्मा दिल्ली ) इस कॉरोना काल में घर पर ऑफिस का काम करने से कई लोगों को कमर दर्द एवं गर्दन दर्द का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति में शहरों और कस्बों में बहुत सारे क्लिनिक बंद हुए हैं, और कई क्लीनिक बंद होने की कगार पर है। करोना के डर की वजह से भी कई लोग अस्पताल नहीं जा रहे हैं। इसके कारण जोड़ो की परेशानी, रीड की हड्डी की परेशानी वाले मरीजों को अधिक समस्या आ रही है। कहना है स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट प्रकाश झा का उन्होने बताया।

ऑनलाइन सलाह आजकल प्रचलन में है जिसका कई लोगों को फायदा हो रहा है। फिजियोथैरेपी एव हड्डी रोग में ऑनलाइन परामर्श की उपयोगिता कि अपनी एक सीमा है, क्योंकि फिजियोथैरेपी के इलाज में मशीनों का इस्तेमाल होता है और सही तरीके से व्यायाम कराने के लिए , जोड़ों की अकड़न को कम करने के लिए, मांसपेशियों को नरम रखने के लिए फिजियोथेरेपिस्ट का हाथ लगाना अनिवार्य है।       इस लेख से आप यह समझ पाएंगे कि इस बढ़ती परेशानी के क्या प्रमुख कारक हैं ? ऐसे मरीजों को क्या करना चाहिए ?

१- फर्नीचर

ऑफिस का फर्नीचर ऑफिस में काम करने के हिसाब से बनाया जाता है। इसका सबसे प्रमुख फायदा होता है की ऑफिस कर्मचारी लंबी अवधि तक ध्यान पूर्वक अपना कार्य कर सकें। आज के समय में जब लोग घर पर रहकर अपना कंप्यूटर का काम, फाइलों का काम जमीन पर / सोफे पर /बिस्तर पर बैठ कर कर रहे हैं तो ऐसे में रीढ़ की हड्डी का लंबे समय तक सीधा रहना  बहुत कठिन है। घंटो तक झुकी हुई कमर और कंधे रीड की हड्डी के लिए बहुत खराब है।

 २- शारीरिक मुद्रा एवं व्यवहार

हमारी शारीरिक मुद्रा हमारे व्यवहार से जुड़ी हुई है उदाहरण - जब हम किसी फौज के जवान से मिलते हैं तो हमारे कंधे सीधे होते हैं, वहीं अगर आप किसी कलाकार से मिलते हैं तो आपकी शारीरिक मुद्रा थोड़ी अलग होती है। घर पर हमारी शारीरिक मुद्रा लचर होती है। लचर मुद्रा के कारण रीड की हड्डी, डिस्क, मांसपेशियों पर अधिक दबाव आता है, जो गर्दन में कमर दर्द का एक प्रमुख कारण है।

३- शारीरिक गतिविधि में कमी

हमेशा ऐसे बहुत से लोग हैं जिनकी शारीरिक गतिविधि केवल ऑफिस आने जाने तक सीमित है। घर पर रहकर काम करने से यह गतिविधि भी समाप्त हो चुकी है। शारीरिक गतिविधियां ना होने के कारण जोड़ों और मांसपेशियों में अधिक अकड़न हो जाती है एवं मांसपेशियां और हड्डियां धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं। आगे चलकर यह सर्वाइकल यानी गर्दन का दर्द या कमर का दर्द का प्रमुख कारण बन जाता है।

४- ऑफिस के समय की अनुसूची का ना होना

जब आप ऑफिस जाते हैं तब ऑफिस का काम ऑफिस में एवं घर का काम घर पर करते रहे है। आज के समय में आपका घर ही आपका ऑफिस बन गया है जिसके कारण बॉस आपको किसी भी समय काम दे देता है। कुल मिलाकर परिवार को दिया जाने वाला समय भी दबाव , और नौकरी छूटने के डर के कारण आप ऑफिस के काम को देते हैं। यह सभी मानसिक परेशानियों को जन्म दे रहा है जिसमें डिप्रेशन , मानसिक तनाव, नींद की अनियमितता आदि शामिल है।

ऐसी स्थिति में आप क्या-क्या कर सकते हैं ?

आपको मैं यहां 6 टिप्स दे रहा हूं

१- अच्छी कुर्सी एवं अच्छी में किसका प्रयोग करें यह आपके काम के लिए बहुत आवश्यक है।

२- काम के बीच में विराम ले जैसे आप ऑफिस में खाना खाने के लिए या चाय पीने के लिए लेते थे।

३- दिन में कम से कम 30 मिनट व्यायाम, सैर अथवा योगा करें

४- ऑफिस जाने वाले कपड़े पहन कर बैठे इससे आपको अच्छी फीलिंग आएगी जैसे आप ऑफिस में ही बैठे हैं।

५- बच्चों के साथ खेलें ताली बजाने से गले लगने से बॉडी में एंडोर्फिन हारमोंस निकलते हैं जो  मार्फीन (इस ग्रह कि सबसे शक्तिशाली दर्द निवारक दवा है) उस से 50 गुना ज्यादा सक्षम  है।

६- यदि आपको पहले से कोई परेशानी है तो फिजियोथैरेपिस्ट से परामर्श ले कर उचित व्यायाम करे।

प्रकाश झा ( स्पोर्ट्स फिजियोथेरेपिस्ट )

आस्टीऑन फिजियोथैरेपी क्लिनिक , साकेत

तुलसी मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल, शाहदरा दिल्ली

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