गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर ऑनलाइन गोष्ठी में काव्यपाठ का हुआ आयोजन..

मैट्रो मत न्यूज (चेतन शर्मा दिल्ली ) गुरु पूर्णिमा के शुभ अवसर पर, स.अ. व कवयित्री अभिलाषा विनय द्वारा संस्थापित सृजनोन्मुखी समूह "नन्हे क़दम ऊँची उड़ान" के तत्वावधान में परिषदीय विद्यालय के छात्र/छात्राओं व शिक्षकों ने अध्यक्ष सूर्य प्रकाश राय (जिला समन्वयक), मुख्य अतिथि वेद प्रकाश, (खण्ड शिक्षा अधिकारी) व विशिष्ट अतिथि के रूप में कनाडा से साहित्यकार अनुपम मिठास की उपस्थिति में, कविता भटनागर के व्यवस्थापन व अभिलाषा विनय के संचालन में ऑनलाइन गोष्ठी में मनोहारी काव्यपाठ किया।उ.प्रा.वि. वाजिदपुर की प्र.अ. मीनू गुप्ता की छात्रा संतोषी ने प्रथम गुरु माँ पर कविता सुनाई, 'बसी है मुझमें उसकी जान, लोरी ममता की वो गाती"। काजल शर्मा-छात्रा गिझोड़ ने गुरु महिमा पर प्रस्तुति दी, "गुरु वही जो जीना सिखा दे, आपसे आपकी पहचान करा दे।।" इन पंक्तियों से सबको भावविभोर कर दिया। चंचल-छात्रा मोमनाथल द्वारा पठित कविता, आओ मिलकर सबको समझाएँ , पौधारोपण से खुशियाँ फैलाएं।।" मुक्तकण्ठ से सराही गयी। रिंकी चौहान-छात्रा सेक्टर-१२ नोयडा ने, "बेटियाँ हैं सबकी शान, इनको दो शिक्षा और ज्ञान।।" प्रस्तुत की। प्रिया चौधरी- छात्रा गढ़ी चौखंडी द्वारा पठित, "इंसा की अपनी जिंदगी से, जंग हो रही है। कैसे बचाएं खुद को, हर सोच सो रही है।" ऐसी सशक्त भावप्रवण प्रस्तुतियों की भूरि-भूरि प्रशंसा की गयी। बच्चों ने अपने सामयिक विषयाधारित काव्यपाठ से सबको अभिभूत कर दिया। छात्र छात्राओं के साथ उनके गुरुओं ने भी काव्यपाठ किया, जिनमें परिषदीय विद्यालय, गढ़ी चौखंडी की बिधु सिंह ने शिक्षकों की भूमिका पर, "हम उस बाग के माली हैं, जहां नन्हे फूल खिलते हैं।" इन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्ति दी। लुहारली की ममता विमल अवस्थी ने माँ शारदे की, "पद्मासिनी हे! हे शारदे माँ! अपनी दया का वरदान दे माँ।।" सुन्दर स्तुति की। सेक्टर-१२ नोयडा की अनीता पाठक द्वारा प्रस्तुत, "मन में ले एक स्वप्न आज,बस तू चला चल,,, हो, इच्छा गर कुछ करने की, नहीं आज कोई द्वार बंद।।" सबका मन मोह लिया। सेक्टर-12 की स.अ.मनीषा जोशी ने भी गुरु-शिष्य पर मोहक प्रस्तुति दी। मोमनाथल की आरती कुलश्रेष्ठ की प्रस्तुति, "इस जगत के सम्पूर्ण चिकित्सक, श्रद्धापूर्वक हम हैं नतमस्तक, प्रणाम मेरा स्वीकार करो, बस इतना उपकार करो।।" ने सभी को भावाभिभूत कर दिया। गिझोड़ की कंचन बाला स.अ. ने, "आभार है मातृ तेरा, आभार है मातृ तेरा।" द्वारा सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। छलेरा की स.अ. दीपशिखा, द्वारा प्रस्तुत, "नहीं राह बनाना मुश्किल, जरा तू चल तो सही नहीं मंजिल पाना मुश्किल, रख धीरज तो सही।।" से नए आयाम स्थापित किये। बिसरख से स.अ. अंजू रानी शर्मा ने गुरु शिष्य महिमा पर बड़ी ही न्यारी, "बढ़ता शिष्य जितना प्रगतिपथ पर, गुरु जाय बलिहारी" कविता प्रस्तुत की। खोदना-खुर्द की कुसुम कौशिक ने, "यत्र नार्यस्तु पुज्यंते रमन्ते तत्र देवता।" द्वारा उत्कृष्ट प्रस्तुति दी। मेहंदीपुर, जेवर से स.अ. रति गुप्ता ने, "'शिक्षक, गुरु, अध्यापक, टीचर, कई नामों से जाना जाता है। यह एक ऐसा प्राणी है, जिसके सम्मान में सर झुक जाता है।' द्वारा अपनी सुमधुर व श्रेष्ठ प्रस्तुतियों से आयोजन को सम्पूर्णता प्रदान की। विशिष्ट अतिथि अनुपम मिठास जी ने अपनी भावांजलि से सबको भावविमोहित कर दिया व उन्होंने बच्चों द्वारा पठित काव्य की ख़ूब प्रशंसा कर, उनका उत्साहवर्धन किया। आयोजन का अंत मुख्य अतिथि व अध्यक्ष महोदय के वरद उदबोधन व समापन वक्तव्य से हुआ।


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