दिवंगत शिक्षक के परिवार को संघ के पदाधिकारियों के आवाह्न पर शिक्षकों द्वारा एकत्रित सहायता राशि दी गई..

मैट्रो मत न्यूज (विकास द्विवेदी बहराइच ) जनपद बहराइच के तहसील व शिक्षा क्षेत्र मिहीपुरवा में पिछले दिनों शिक्षक हरिदर्शन जो कि प्राथमिक विद्यालय आजमगढ़ पुरवा में सहायक अध्यापक के पद कार्यरत थे, उनकी मार्ग दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी।संघ के पदाधिकारियों के आवाह्न पर शिक्षकों द्वारा एकत्रित सहायता राशि, दिवंगत शिक्षक के परिवार को दिनाँक 15 जुलाई 2020 को उनके पैतृक आवास रावतपुर, कल्याणपुर कानपुर जाकर संघ के पदाधिकारियों ने सौंपी। प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला कोषाध्यक्ष आनन्द मोहन मिश्र ने बताया कि संघ के पदाधिकारियों द्वारा दिवंगत शिक्षक हरिदर्शन की पत्नी कीर्ति को रुपये चार लाख सत्रह हजार आठ सौ पचहत्तर रुपये व उनकी माता किशोरी को चार लाख सत्रह हजार आठ सौ पचहत्तर रुपये जो कि अब तक एकत्र हुआ था, कुल सहयोग राशि आठ लाख पैंतीस हजार सात सौ पचास रुपये का एकाउंट पेयी चेक जनपद बहराइच के समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं की ओर से श्रद्धांजलि स्वरुप दिवंगत शिक्षक के परिवार को सौंपा गया। उन्होंने बताया कि जनपद के मिहीपुरवा में कार्यरत 72825 बैच के शिक्षक हरिदर्शन की दिनांक 04 जुलाई 2020 को निशानगाढ़ा मिहींपुरवा के पास, मूल अभिलेख बीआरसी मिहींपुरवा से जमा करके वापस जाते समय, कार से मार्ग दुर्घटना में दर्दनाक मृत्यु हो गई थी। उन्होंने बताया कि दिवंगत शिक्षक हरिदर्शन परिवार के इकलौते पुत्र थे तथा उनके पिताजी का पूर्व में देहांत हो गया था। उनके ना रहने से परिवार पूरी तरह से असहाय और अभिभावक विहीन हो गया है। उनके घर जाकर देखा कि परिवार पूरी तरह से बिखर गया है। आर्थिक स्थिति भी अच्छी नही है, परिवार का दुख बहुत ही कष्टकारी व असहनीय है। शिक्षक संघ के सगीर अंसारी मिहींपुरवा, उमेश चन्द्र त्रिपाठी चित्तौरा, आसिफ अली जरवल, चन्द्रेश कुमार राजभर, राज कुमार यादव, गिरीश राम, मनीष कुमार, अमर सिंह, मोइनुद्दीन खान मिहींपुरवा, राजीव कुमार तिवारी विशेश्वरगंज, शरद चन्द्र शुक्ल विशेश्वरगंज, तनवीर आलम फखरपुर, देवेंद्र कुमार सिंह महसी, विनय कुमार सिंह जरवल निर्भयराज सिंह, इरशाद अहमद फखरपुर, अरुण अवस्थी, रघुकुल शिरोमणि मिश्र महसी एवं डी०डी०पटेल बलहा ने दिवंगत शिक्षक हरिदर्शन की पत्नी व माता को उपरोक्त राशि का एकाउंट पेयी चेक जनपद बहराइच के समस्त शिक्षक एवं शिक्षिकाओं की ओर से सौंपा। उल्लेखनीय है कि 2004 के बाद नियुक्ति कर्मचारियों के लिए पेंशन की व्यवस्था खत्म कर दी गई है जिससे कर्मचारी के साथ यदि कोई घटना हो जाती है तो न तो उसे पेंशन और न ही कोई अन्य सहायता दी जाती है। ऐसे में शिक्षकों द्वारा सामूहिक सहयोग दिवंगत शिक्षक के परिवार के लिए किसी अमूल्य सहयोग से कम नही रहेगा।


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