आई एम ए ने अखिल भारतीय चिकित्सा सेवाओं की मांग की..
मैट्रो मत न्यूज (नीरज पांडेय नई दिल्ली ) इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) न सिर्फ कोरोना की इस गंभीर स्थिति में शुरुआत से अपनी जिम्मेदारियों को सक्रीय रूप से निभाया है बल्कि स्थिति में सुधार के लिए भारत सरकार को कई बार अहम राय भी दी हैं।ऐसी मुश्किल स्थिति में केंद्र और राज्य सरकार के साथ काम करते हुए आईएमए ज़मीनी स्थिति की निगरानी के लिए निरंतर रूप से वर्चुअल मीटिंग संचालित कर रहा है और नियमित रूप से फीडबैक भी प्रदान कर रहा है। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष, डॉक्टर राजन शर्मा ने बताया कि, “भले ही, आईएमए पूरे उत्साह के साथ काम करता रहा है लेकिन हम भारत सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह कुछ प्रमुख प्रावधानों पर जोर दे। जिला स्तर पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और परीक्षण की मदद से लोगों के स्वास्थ्य पर नज़र रखकर बीमारी की दर को कम किया जा सकता है। हमें नई पोस्ट-कोविड हेल्थकेयर पॉलिसी की तत्काल आवश्यकता है जो नॉन-कोविड केयर के लिए समान प्राथमिकता प्रदान कर सके।” 28 राज्यों और 5 केंद्र शासित प्रदेशों में 1700 साखाओं वाली आईएमए की 3 टियर संरचना इस घातक स्थिति से लड़ने में एक अहम कदम रहा है। सरकार और लोगों के साथ की मदद से आईएमए अबतक 100 से ज्यादा वेबिनार संचालित कर चुका है। इसी के साथ आईएमए, उचित जानकारी और बेहतरीन अभ्यास से लैस भारतीय डॉक्टरों को लोगों की सेवा में लगाता आ रहा है। आईएमए के महा सचिव, डॉक्टर आरवी अशोकन ने और अधिक जानकारी देते हुए बताया कि, “एक बेहतरीन हेल्थकेयर सिस्टम बनाने के लिए आईएमए कई गतिविधियों में शामिल रहा है जैसे कि स्वास्थ्य कर्ताओं के लिए बीमा उपलब्ध कराना, हिंसा विरोधी अध्यादेश, क्लिनिकों, नर्सिंग होम और अस्पतालों को एमएसएमई में शामिल कराना, टेस्टिंग पॉलिसी में बदलाव करना, सामाजिक स्थानों की एयर कंडिशनिंग, फिर से स्कूल खुलवाना, मेडिकल की पढ़ाई की समस्याएं, काम के स्थानों में पीपीई, अस्पतालों और देखभाल करने वालों के लिए क्वारंटीन पॉलिसी, प्लाज़मा थेरेपी आदि।” भारतीय डॉक्टरों के मनोबल को बरकरार रखने के लिए उन्हें निरंतर रूप से काउंलिंग दी जा रही है। इस जंग के दौरान अबतक जितने डॉक्टर अपनी जान गंवा चुके हैं या इस संक्रमण का शिकार हो चुके हैं, आईएमए ने उनकी राष्ट्रीय कोविड रेजिस्ट्री भी बना रखी है। डॉक्टरों और शहीदों के खिलाफ हो रही हिंसा को भी अच्छे से संभाला गया। भारत में कोविड के शुरुआती दिनों में, 24x7 टॉक टू दी डॉक्टर हेल्पलाइन की शुरुआत सबसे पहले आईएमए ने ही की थी। इस हेल्पलाइन की मदद से 2 महीनों में अबतक 22,000 से भी ज्यादा लोगों की सहायता की जा चुकी है। डॉक्टर राजन शर्मा ने आगे बताया कि, “यदि सार्वजनिक अवसंरचना और रणनीतियां बेहतर होती तो इस महामारी की स्थिति में और अधिक सुधार की संभावना थी। सरकार को स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में अपनी जीडीपी को 5% तक बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है। आईएमए अखिल भारतीय चिकित्सा सेवाओं के साथ-साथ पूरे देश में एक समान दिशा-निर्देशों को लगाने की मांग करता है।”