बहुरूपिये इस्लाम ने बताया खुद को अमकोलवा का कोटेदार ननके, ग्रामीणों ने कहा...झूठ मत बोलो खुदा के पास जाना है

डिब्बे से नापा चना वो भी 200 ग्राम, पूर्ति निरीक्षक मौजूद बने मूकदर्शक..


मैट्रो मत न्यूज ( अमित पाठक बहराइच ) सरकार प्रतिबद्ध है और भ्रष्टाचार अपनी मजबूत बाँह चढ़ाये ललकार रहा है , सस्ते गल्ले की दुकान पर अनियमियत्ताओं के प्रकरण का मामला कोई आज नहीं आदि से है, अराजकतत्वों ने शिकंजा इस तरह कसा है कि परवान चढ़े हौसलों की चक्की में जनता पिस रही है ।प्रकाश में आया मामला जनपद के विकासखंड बिशेश्वरगंज अंतर्गत अमकोलवा के सरकारी सस्ते गल्ले से सम्बंधित कोटेदार का है , जिसपर ग्रामीणों ने घुसखोरी, घटतौली, बेईमानी के साथ मनमानी का गंभीर आरोप लगाया । मौके पर निरीक्षण हेतु पहुँचे पूर्ति निरीक्षक ओम प्रकाश ने भी मामले को गोलमाल करते हुए कोटेदार के पक्ष की बात कह डाली । ग्रामीणों ने यूनिट के हिसाब से खाद्यान्न न वितरण करने के आरोप के साथ बिना तौल डिब्बे से निःधुलक चना दिए जाने की बात कही और डिब्बा लाने के लिए सैकड़ो बार कोटेदार व सम्बंधित अधिकारी से कहा परंतु जाँच का हवाला देकर निरीक्षक ने डिब्बा नही मंगाया और विवाद टालने के उद्देश्य से ग्रामीणों को खाद्यान्न दिलवा दिया । चौकाने वाला मामला तो तब सामने आया जब ग्रामीणों ने बताया कि यहाँ का सम्बंधित कोटेदार लॉक डाउन से पहले ही हैदराबाद में है जिसका नाम ननके है जबकि तथाकथित मौके पर ननके बना कोटेदार इस्लाम है जिसका अन्य भी कही कोटा है । ताज्जुब की बात तो यह है कि पूर्ति निरीक्षक के सामने ही अपने आप को कोटेदार बताने वाला इस्लाम खुद को ननके बताता रहा और पर्दाफाश करने के लिए साहब की गर्दन तक नहीं उठी ,जानकारी मिलने पर पत्रकारों द्वारा पूछने पर निरीक्षक ने कहा ननके अभी था खाना खाने घर गया है । सवाल यह उठता है कि अगर ननके कोटेदार हैदराबाद में है तो पूर्ति निरीक्षक ने झूँठ क्यो कहा या फिर जनता सच कह रही है तो खाद्यान्न गोदाम से उठाने की हस्ताक्षरित प्रक्रिया को अभी तक कौन पूरा कर रहा था । स्पष्ट नज़र आ रहा है कि कोटेदार और पूर्ति निरीक्षक की मिलीभगत से जनता सरकारी खाद्यान्न और सुविधाओं से वंचित रही है । जनता ने निरीक्षक के सामने ही कोटेदार की दबंगई व भाड़े संबंधित प्रकरण को लेकर यूनिट कटने व कम राशन देने की बात कही मगर साहब तो अपनी भाषा में कहते रहे,जो पहले से ही सोंच कर आये थे कहा, रात बारह बजे भी फोन करिये हमे,आधे घण्टे में पहुंच जाएंगे । पहुँच जाने से क्या फायदा जब साबित हो चुका कोटेदार का भ्रष्टाचार और आप मूकदर्शक बने कलम को दबाये बैठे रहे ।इस गम्भीर प्रकरण के निराकरण को लेकर उपजिलाधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा मामला मीडिया के माध्यम से संज्ञान में आया है पूर्ति निरीक्षक को कार्यवाही हेतु निर्देशित कर रहा हूँ।


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अहिंसा परमो धर्मः परंतु सेवा भी परमो धर्म है :- आचार्य प्रमोद कृष्णम

पयागपुर विधानसभा के पुरैनी एवं भवानी पुर में विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम का हुआ आयोजन

भीषण गर्मी के कारण अधिवक्ता रामदयाल पांडे की हुई मौत