ज्ञान विज्ञान संस्थान के तत्वावधान में "ई वीडियो द्वारा कवि गोष्ठी हुआ आयोजन"..
मैट्रो मत न्यूज ( चेतन शर्मा दिल्ली ) ज्ञान विज्ञान संस्थान के तत्वावधान में आज एक ई वीडियो कवि गोष्ठी विनय विक्रम सिंह के तकनीक संयोजन और संचालन में सम्पन्न हुई, जिसकी अध्यक्षता सच्चिदानंद तिवारी शलभ द्वारा की गई।गोष्ठी में सर्वप्रथम काव्यपाठ दिल्ली की कवयित्री केशी गुप्ता ने किया जिनकी इस पंक्ति को सबकी सराहना मिली-अल्फाजों की दुनिया में कलम की ताकत है, तख्त पलट जाये, खुल के बोलो. युवाकवि तुषार मिश्र ने जो कविता पढ़ी उसकी यह पंक्ति उल्लेखनीय है- मुझे लिखना नहीं आता. विदुषी कवयित्री ज्ञान वती दीक्षित ने ग्राम शीर्षक से एक अवधी गीत प्रस्तुत किया- सारी दुनिया ते सुंदर है, ई हमार गांव रे, जहाँ अंगना छाये जोन्हैया, भउजी धर दे पांव रे. सर्वेश पांडे विभी ने यह अवधी गीत गाया- लौटारि देत कोई लोटिया , डोरि पानी. अरविंद सिंह मधुप भी इस कार्यक्रम में रहे. समालोचक और कवि, पत्रकार भूपेंद्र दीक्षित ने संत कवि तुलसीदास का स्मरण करते हुए यह कहा- अभिनंदन तुलसी की माटी का, अभिनंदन इस परिपाटी का, अभिनंदन तुलसी की भाषा का. कविवर संपूर्णानंद द्विवेदी भी इससे जुड़े. विनय विक्रम सिंह ने अपने कई दोहों को पढ़ा जैसे-गांधी रंग सफेद है, भये केसरी बोस........... कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पं.सम्पत्ति कुमार मिश्र ने कई रचनाएँ सुनाईं.इनकी यह अवधी गजल विशेषत: उल्लेखनीय रही- ठौर-ठौर पुजि रहे काग, अब आगे का होई. काव्यपाठ की यह गोष्ठी इसके अध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी शलभ के इस गाये गीत के साथ अगले सत्र के लिए स्थगित हो गयी। गीत के बोल इस प्रकार से हैं- शीतल मलय समीर हमारे भारत में, सुर सरिता का नीर हमारे भारत में. सर्वकविर्प्रतिभाओं के प्रति आभार प्रदर्शन, संचालक तथा तकनीकी पक्ष प्रभारी विनय विक्रम सिंह द्वारा किया गया।