मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मजबूर लोगों के लिए दिखाई दरियादिली बस कंडक्टर ने मौके का फायदा उठाकर भरी अपनी जेब..
बस कंडक्टर ने यात्रियों की मजबूरी का उठाया फायदा अधिक पैसे लेकर बिना टिकट कराई यात्रा..
मैट्रो मत न्यूज ( नीरज पांडेय दिल्ली ) कोरोना के विश्वव्यापी प्रकोप से जहां पूरे भारत में 22 मार्च से जनता कर्फ्यू की शुरुआत हुई थी उसके बाद 14 अप्रैल तक लॉक डाउन की स्थिति पैदा होने से दिल्ली तथा आसपास के क्षेत्रों में फंसे मजदूरों के सब्र का बांध अब टूट गया तथा लोग पैदल ही अपने घरों के लिए प्रस्थान कर दिए मजदूरों का कहना है कि उनके पास ना तो काम है और ना ही दाम है जो लोग किराए पर रह रहे थे उनके पास जब नौकरी नहीं तो वह किराया कहां से दे पाएंगे ऐसे में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए जनपद गाजियाबाद के कौशांबी से बस सेवा शुरू कराई थी कौशांबी बस डिपो में प्रवेश से पहले सभी यात्रियों की थर्मल स्कैनिंग की जा रही था लोगों की लाइन लगभग एक किलोमीटर लंबी लगी हुई दिखी डिपो के अंदर तथा बाहर सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाएं लोगों की सेवाओं में जुटी थी कोई खाना बांट रहा है तो कोई मास्क डिपो के अंदर पुलिसकर्मी भी खाना बांटते नजर आए लोगों के सब्र का बांध इस कदर टूट चुका है कि बसों में चढ़ने के लिए लोगों ने सोशल डिस्टेंस तो दूर बसों में चढ़ने के लिए धक्का-मुक्की करते तथा खिड़कियों से बसों में घुसते नजर आए। इस संबंध में जब डिपो इंचार्ज वीरेंद्र तिवारी से बात की गई तो उन्होंने बताया की सभी जगह की बसें भेजी जा रही हैं और हमारा प्रयास यही है कि किसी प्रकार की परेशानी यात्रियों को ना हो तथा इनकी यात्रा सुरक्षित एवं मंगलमय हो। जबकि यूपी रोडवेज के बस कंडेक्टर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सभी योजनाओं को ठेंगा दिखाते नजर आए तथा अपनी जेब भरने में जुटे रहे। जहां सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थाएं पीड़ितों और लाचार लोगों की निस्वार्थ भाव से सेवा करते नजर आए।वहीं दिनांक 28 मार्च 2020 को गाजियाबाद के कौशांबी डिपो की स्कैनिया बस संख्या यू पी 41 ए टी 2996 कौशांबी डिपो से लगभग 2:30 बजे लखनऊ के लिए रवाना हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बस में सीट पर बैठे यात्रियों का टिकट बनाया गया परंतु हालात को देखते हुए इस बस में लगभग 25 -26 यात्री जबरदस्ती घुस गए जिन्होंने बस के फर्श पर बैठकर यात्रा की कंडक्टर ने उन यात्रियों के मजबूरी का फायदा उठाते हुए हर व्यक्ति से ₹1300 रुपए लिए तथा उन्हें कोई टिकट नहीं दी गई। यह बस लखनऊ से लगभग 50 किलोमीटर पहले आगरा एक्सप्रेस वे पर करीब 9:30 बजे पहुंची जहां उसे रोक दिया गया। यात्री 12:00 बजे तक इंतजार करते रहे उसके बाद एक बस गोरखपुर के लिए आई जिस पर कुछ यात्री सवार होकर अपने अपने गंतव्य तक किसी तरह से पहुंचे जबकि इस बस में भी ₹250 लिए गए और टिकट नहीं दी गई।
( फिलहाल अभी सभी बस सेवायें प्रशासन द्वारा बंद की जा चुकी है। )