लॉकडाउन को किया दरकिनार, भीड़ के साथ अदा की गई जुमे की नमाज़, मुकदमा दर्ज..
मैट्रो मत न्यूज ( अमित पाठक बहराइच ) जनपद बहराइच के थाना बिशेश्वरगंज अंतर्गत ग्रामसभा व न्याय पंचायत कुरसहा का जो मामला सामने आया है इसपर स्तभ्ध है लोग , और छींटाकशी भी करते दिखे , सिद्धपीठ, गोरखनाथ, व देवीपाटन जैसी मंदिरें इस महासंकट महामारी की घड़ी में तो बन्द हुई और लोग सहमत होकर पूजा अर्चना व चैत्र नवरात्रि को घरों में रहकर राष्ट्र हित मे प्रार्थना की, पर अब प्रश्न ये उठता है कि क्या ऐसे कोरोना महामारी के संकट की घड़ी में मस्जिद में नमाज़ अदा करना ही अल्ल्लाह की मर्ज़ी है,और उसका हवाला देकर , प्रधानमंत्री के देशहित में जारी किए गए संबोधन का खंडन कर मनमानी करना ये सवाल है और जनता भी इस आधुनिक युग मे जागरूक है। जनपद के थाना क्षेत्र बिशेश्वरगंज की पुलिस ने अपना कर्तव्य निभाते हुए एक एक व्यक्ति से करबद्ध निवेदन तक किया जिसका संवाददाता के पास पुख्ता प्रमाण है लेकिन लोग इसे धार्मिक नज़र से जोड़ने का भरसक प्रयास और मनमानी करने पर उतर आये है। लॉकडाउन को अगर कुछ लोग हल्के में न लें तो आज शायद कोरोना की चर्चा भारतवर्ष में न लिखी जाती, न कही जाती। बता दें कि ऐसी विषम परिस्थिति में उपर्युक्त थाना अंतर्गत बारह लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया। जहाँ एक तरफ प्रशासन लगातार माइक से, घर घर जाकर और मीडिया के माध्यम से, कोरोना वायरस से बचने के लिए लॉकडाउन व अपील के माध्यम से एक-दूसरे से दूरी बरकरार रखने के लिए मस्जिदों व मंदिरो में एक साथ एकत्र होकर नमाज व पूजा बंद करने की अपील कर रहा है, वहीं दूसरी तरफ कोरोना वायरस लाइलाज बीमारी को गंभीरता से न लेकर लॉकडाउन का उलंघन करते हुए मस्जिद में एकत्रित होकर शुक्रवार को जुमे की नमाज अदा की गई। इसकी सूचना मिलते ही तुरंत मौके पर पहुंची पुलिस ने कुरसहा गांव की मस्जिद से निकलते हुए बारह लोगों को गिरफ्तार कर थाने लाई जहाँ उपरोक्त के खिलाफ स्थानीय थाने पर अपराध संख्या 69/2020 पर धारा 188,269,270 IPC व महामारी अधिनियम 1897 (3) के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। क्या ये राजनीति है, अशिक्षिता है या फिर कूटनीति किसी तंत्र का... सवाल है और हम ही जवाब बनके सामने आएंगे, प्रयास जारी है।