सांसद आजम खां, उनकी विधायक पत्नी तजीन फातिमा व बेटे अब्दुल्ला आजम दो मार्च तक न्यायिक हिरासत में..
मैट्रो मत न्यूज़ ( चेतन शर्मा दिल्ली ) अक्सर विवादों मे रहने वाले रामपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां, उनकी विधायक पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम को फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में अदालत के आदेश पर बुधवार को दो मार्च तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया। पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार मिश्रा ने टेलीफोन पर बताया कि अदालत ने आजम खां, उनके बेटे अब्दुल्ला और पत्नी तजीन फातिमा को दो मार्च तक के लिये न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिये हैं।उन्होंने कहा कि आज कई मुकदमों की सुनवाई थी। उनमें अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाने और वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में स्वार सीट से नामांकन के दौरान गलत प्रमाणपत्र देने का मामला प्रमुख था। सूत्रों के मुताबिक आजम, रामपुर से विधायक उनकी पत्नी तजीन और सवार सीट से विधायक पुत्र अब्दुल्ला ने अपर जिला न्यायाधीश-6 (एमपी, एमएलए) धीरेन्द्र कुमार की अदालत में समर्पण किया जहां से तीनों को दो मार्च तक के लिये न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अदालत ने गत 24 फरवरी को आजम खां परिवार की अग्रिम जमानत की याचिका ठुकरा दी थी और उसकी सम्पत्ति की कुर्की का आदेश देते हुए गैर-जमानती वारंट भी जारी किया था। गौरतलब है कि विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने गत मंगलवार को तीनों के कुर्की वारंट के साथ ही गिरफ्तारी के लिए गैर जमानती वारंट जारी किए थे। भाजपा के स्थानीय नेता आकाश सक्सेना ने पिछले साल दर्ज कराये गये मुकदमे में अब्दुल्ला के दो-दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाये जाने का आरोप लगाया था। एक प्रमाण पत्र रामपुर से तो दूसरा लखनऊ से जारी किया गया है। जांच में आरोप सही पाये गये। रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी एक जन्म प्रमाणपत्र में अब्दुल्ला की जन्मतिथि एक जनवरी 1993 लिखी है। वहीं दूसरे प्रमाणपत्र में उनका जन्मस्थान लखनऊ दिखाया गया है और उनकी जन्मतिथि 30 सितम्बर 1990 लिखी है। आरोप है कि आजम और उनकी पत्नी तजीन ने साजिश करके अब्दुल्ला के दो जन्म प्रमाणपत्र बनवाये। अदालत ने इस मामले में पेश होने के लिये कई बार समन जारी किये लेकिन आजम खां और उनका परिवार हाजिर नहीं हुआ। उसके बाद अदालत ने कुर्की और गैरजमानती वारंट जारी किया था। सपा ने इस घटनाक्रम के लिये परोक्ष रूप से सत्तारूढ़ भाजपा पर आरोप लगाते हुए इसे बदले की भावना से की गयी कार्रवाई करार दिया है। पार्टी ने ट्वीट किया समाजवादी पार्टी बदले की भावना से किसी भी कार्रवाई को उचित नहीं मानती है। राग-द्वेष से सरकारें काम नहीं कर सकती। सपा ने कहा कि समाजवादी पार्टी भी न्यायिक प्रणाली पर भरोसा करती है। अदालत पर विश्वास है कि न्याय मिलेगा। उधर, भाजपा ने इस घटनाक्रम का स्वागत किया है। पार्टी प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन ने कहा, ‘‘आजम खां ने सिर्फ अपने लिये ही राजनीति की। यह गरीबों के शोषण का फल है। हम उन्हें जेल भेजने के अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को ऐसे लोगों को अपने साथ राजनीति में जोड़ने पर सफाई देनी चाहिये।