कुरसहा शिवमंदिर में हुआ शिव विवाह, धूमधाम से मनाई गई महाशिवरात्रि..

 


मैट्रो मत न्यूज ( विकास द्विवेदी ) महाशिवरात्रि पर्व हिंदुओं का प्रमुख त्यौहार है । माना जाता है कि सृष्टि का प्रारंभ इसी दिन से हुआ। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन सृष्टि का आरम्भ अग्निलिंग (जो महादेव का विशालकाय स्वरूप है) के उदय से हुआ। इसी दिन भगवान शिव का विवाह देवी पार्वती के साथ हुआ था।जनपद के विकासखंड विशेश्वरगंज अंतर्गत ग्रामसभा कुरसहा स्थित पांडवकालीन अमृतनाथ शम्भूनाथ मंदिर पर आज शिव विवाह उत्सव मनाया जाएगा। मंदिर परिसर अधिक बड़ा न होने के कारण लोगो को जहाँ कठिनाई का सामना करना पड़ता है वही यह शिव मंदिर उपेक्षा का दंश झेल रहा है । जबकि लोगों और मान्यताओं की माने तो इस अमृतनाथ शम्भूनाथ शिव मंदिर की स्थापना अपने अज्ञातवास काल में पाण्डु पुत्रों नकुल व सहदेव ने की थी वहीं महाबली भीम ने यहाँ से लगभग 6 किलोमीटर दूर भीमेश्वर नाथ की स्थापना की जो आज पृथ्वीनाथ मंदिर के नाम से जग विख्यात है,पांडवो  द्वारा स्थापित दोनों शिव मंदिरों में एक विश्व प्रसिद्ध हो गया और दूसरा अमृतनाथ शम्भूनाथ मंदिर ग्रामसभा में ही सीमित होकर रह गया, यह मंदिर सिर्फ स्थानीय और क्षेत्रीय लोगों की देखरेख बदौलत हिन्दू आस्था को संजोए हुए है। इससे पूर्व प्रातः चार बजे से ही शिव भक्तों की कतार देखी गयी, रुद्राभिषेक कर श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। बम बम और हर हर महादेव के नारों से वातावरण भक्तिमय हो उठा ।जनपद गोंडा के कस्बे खरगूपुर में बना यह भव्य मंदिर, एशिया का सबसे बड़ा शिवलिंग माना जाता है hयहाँ सोमवार शुक्रवार के साथ कजरीतीज व अधिक मास को श्रद्धालुओं की अपार भीड़ होतो है, लोगों ने बताया यहाँ भोलेनाथ के दर्शन मात्र से ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है ।मंदिर के अध्यक्ष ओंकार नाथ पांडेय ने बताया कि आज द्वार पूजा, पाँवपूजन व जयमाल डालकर शिव- पार्वती विवाह उत्सव मनाया जाएगा उन्होंने बताया कि व्यवस्था बनाने में प्रबंधक अनूप पांडेय  कोषाध्यक्ष रामानंद पांडेय का भरपूर सहयोग रहता है तथा स्थानीय लोग यथाउचित सहयोग करते रहते है। ।


 


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