कभी तो बरसोगी बारिश की फुहार बनकर जो भिगो देगी मेरे अक्से ज़ेहन को बहार बनकर..
मैट्रो मत न्यूज ( अरुण शर्मा "अक्स" )🌹*मेरे मीत को कुछ दिल से
यू तो कुछ खास शिकायत नही ज़िन्दगी से ...
पर बहुत पसोपेश में रहती है जाने क्यूँ ????
जो चाहा वो मिला नही । जो मिला उसको कभी चाहा नही ।
बरसो से जो मीत बसे हो मेरे अक्स में तुम ...अब तुम्हारे सिवा कोई भाया नही ।
जानता हूं के चांद की ख्वाइश सब की पूरी नही होती ....पर फिर भी आस अब भी जिंदा है के मेरी आशिकी रहेगी ऐसे ही तन्हा बंजर नही !!!!
कभी तो बरसोगी बारिश की फुहार बनकर जो भिगो देगी मेरे अक्से ज़ेहन को बहार बनकर ....
कभी तो मिलोगी तुम खुद मुझको मेरे ही नज़रिये से ...और कहोगी के.........
मेरे अक्स....
*"तेरे जज़्बात भी मेरे दिल की धड़कन को बढ़ा जाते है....."
*" बिन पास आये भी 'अक्स' मेरे दिल को छू जाते है ...."*
*"बिन कहे भी तेरे लफ्ज़ मुझे इज़हारे मोहब्बत कर जाते है
कसम है के तेरी यादों में भी जिंदा रह लूँगा । तुम चाहो या न चाहो कभी मुझको !! मेरी ही तरह इतनी शिद्दत से !!
पर ज़िन्दगी तो खत्म होगी... बंद होंगी आंखे ज़माने के लिए !!
तब भी ..........
ये वादा है.... मीत तुझसे,
खुली नज़रों में !!!!!
तेरा ही इंतज़ार !!
तेरा ही प्यार !!
ये मेरा ऐसा ही !! इज़हार !!
जन्मो तक बरकरार रहेगा ......!!!!
🌹💝🌹