प्रेम वो शहद है जो संबंधों को मधुर बनाता है। मधुर संबंध पारिवारिक खुशहाली को जन्म देते हैं और पारिवारिक खुशहाली ही तो एक सफल जीवन की नींव..

॥आज का भगवद् चिंतन॥


मैट्रो मत न्यूज (अरुन शर्मा ) प्रेम में अद्भुत सामर्थ्य है। अगर उस परमात्मा को झुकाने की सामर्थ्य किसी में है तो वो मात्र और मात्र प्रेम में ही है।


 चाहे केवट के आगे हो, चाहे शबरी के आगे हो, चाहे हनुमानजी के आगे वो, चाहे सुग्रीव के आगे हो या चाहे विभीषण के आगे हो, प्रेम के वशिभूत होकर कितनी ही बार उस प्रभु को झुकते देखा गया है।


प्रभु प्रेम में झुके हैं। इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि प्रेम में झुकाने की सामर्थ्य है। और जो प्रेम स्वयं भगवान को झुका सकता है, वह इंसान को क्यों नहीं झुका सकता..? निसंदेह वह इंसानों को भी झुका सकता है।


प्रेम में झुकते हुए प्रभु ने यही सीख दी है कि अगर आप सामने वाले से प्रेम पूर्ण व्यवहार करते हैं तो निसंदेह आप उसके ऊपर अपना आधिपत्य भी जमा लेते हैं।


किसी को जीतना चाहते हैं तो प्रेम से जीतो। एक बात और बल के प्रयोग से तो किसी किसी को ही जीता जा सकता है लेकिन प्रेम द्वारा सबको जीता जा सकता है।


प्रेम वो शहद है जो संबंधों को मधुर बनाता है। मधुर संबंध पारिवारिक खुशहाली को जन्म देते हैं और पारिवारिक खुशहाली ही तो एक सफल जीवन की नींव है।


    🙏🏻हरे कृष्णा मित्रों🙏🏻


इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

अहिंसा परमो धर्मः परंतु सेवा भी परमो धर्म है :- आचार्य प्रमोद कृष्णम

पयागपुर विधानसभा के पुरैनी एवं भवानी पुर में विकसित भारत संकल्प यात्रा कार्यक्रम का हुआ आयोजन

भीषण गर्मी के कारण अधिवक्ता रामदयाल पांडे की हुई मौत