समाज के प्रति समर्पित देश के 'लाल बिहारी लाल' पत्रकार, साहित्यकार एवं लेखक के रूप में मशहूर..
मैट्रो मत न्यूज (अमित पाठक बहराइच ) कहते है कवि और पत्रकार अपनी लेखनी और उच्च विचारधाराओं के साथ समाज में व्याप्त कुरीतियों पर सीधा तीखा प्रहार करता है जिसका प्रभाव धरातल के पटल पर क्रियान्वित होकर बेखौफ दिखता है, ऐसा ही एक नाम लाल बिहारी लाल का..जो बिहार से दिल्ली यूपी तक अपने लेखनी से साहित्यकर एवँ गीतकर के रूप में जाने जाते है , जिनकी निस्वार्थ समाजसेवा से लोग प्रेरित होकर आदर्श मानते हुए आगे बढ़ रहे है वर्तमान में कई पर्यावरणविद निस्वार्थ भाव से प्रकृति को बचाने की मुहिम में जुटे हैं जिनमे इनका नान भी सम्मिलित है लाल जी ने होश संभालने के बाद प्रकृति के प्रति लगाव रखा और आज पर्यावरण प्रेमी बन गए। पत्रकारिता जगत में क्रांति लाने वाले लाल जी HMTV लाइव के साथ जुड़कर समाज से सरोकार के प्रति महत्वपूर्ण योगदान दिया, इनके ट्विटर आदि पर फॉलोवर्स की संख्या अनगिनत है, पत्रकारिता जगत में इनके योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता , मान्यता प्राप्त पत्रकार आपके सानिध्य में गौरवान्वित महसूस करते है, आपने बिहार के छपरा में 10 अक्टूबर सन 1974 को जन्म लिया, गाँव की मिट्टी में पले बढ़े और बढ़ते कदमों के साथ प्रकृति में घुल मिल गए, कहने का तात्पर्य है कि लाल जी का बचपन से ही प्रकृति से अटूट लगाव रहा और वह पेड़ पौधों और फूल पत्तियों के साथ खेलते रहते थे , शिक्षा ग्रहण के दौरान वह छाया दार वृक्षों के नीचे बैठ कर एकांत में शिक्षा ग्रहण करते थे। शिक्षा ग्रहण कर जब वह दिल्ली आए तो उनको प्रकृति के साथ-साथ संगीत और कविता का भी शौक परवान चढ़ा और उन्होंने कविता के साथ साथ और कई गीत भी लिखे जो काफी प्रसिद्ध हुए जिन्हें टी सीरीज, वीनस आदि कंपनियों ने रिलीज किया। इन्हीं गानों में से एक गाना था जो कि हर व्यक्ति के जुबां पर था जिसे गाया था ताराबानो फैजाबादी ने ऐसे ही अनेक गीत उन्होंने लिखे, काफी कविताएं भी लिखी हैं। इनकी लिखी कविता नालंदा एवम बिहार विश्वविद्यालय में भी पढ़ाई जाती हैं , लाल बिहारी पत्रकारिता एवं उत्कृष्ट कार्यों के लिये विभिन्न सगठनों द्वारा अनेकों बार सम्मानित किया गया है। साथ ही लाल जी एक अच्छे समाजसेवी भी हैं इन्हें अनियमियता बर्दाश्त नहीं अतएव hmtv लाइव के बलबूते आपने समूचे भारत वर्ष की बागडोर संभाल रखी है, समय-समय पर क्षेत्रवासियों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं देखने में बिल्कुल सादगी से परिपूर्ण दिखने वाले लाल जी के रोम रोम में समाज सेवा पर्यावरण संरक्षण तथा लोगों को प्रसन्न करने की कला है, लेकिन जब भी कूख लिखते या बोलते है वो अराजकत्वों के खिलाफ और मातृभूमि से प्रेरित होकर कलम को गाण्डीव धारी अर्जुन की टंकार बना देते है।
ऐसे देश भक्त के जन्मोत्सव की शुभकामनाएं ।