चिकित्सालय सहित परिसर में लगा गंदगी का अंबार बद से बदतर है आयुर्वेदिक चिकित्सालय पुरैना...
मैट्रो मत न्यूज ( अमित पाठक बहराइच ) जिले में धनवंतरि की आयुर्वेद चिकित्सा का बुरा हाल है। सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति का दायरा बढ़ने के बजाय घटने लगा है, या यूं कहे कि आयुवेर्दिक चिकित्सा घर की रसोई तक ही सिमट कर रह गई है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। जिले में कुछ ऐसे भी अस्पताल है जहां पर अधिक समय बीत जाने के बाद भी डॉक्टर तैनात नहीं हो सके हैं। जिले के कई क्षेत्रों में सरकारी आयुर्वेदिक चिकित्सा व्यवस्था के बारे में लोगों को जानकारी ही नहीं है। अस्पतालों की बदहाली व स्वास्थ्य कर्मचारियों के नहीं रहने के कारण सबसे पुरानी चिकित्सा पद्धति से लोगों का विश्वास उठने लगा है । जनपद के विकासखंड बिशेश्वरगंज अंतर्गत पुरैना बाजार में स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की व्यवस्था बद से बदतर है, एक फार्मिसिस्ट के सहारे सिर्फ औपचारिकता शेष है, जहां वर्षों से पुराना भवन जर्जर है वहीं भवन के बाहर व भीतर गंदगी का अंबार लगा है। परिसर से सटे चारो तरफ साफ सफाई का नामोनिशान नहीं है। परिसर में उगी घास व झाड़ ये बयान कर रहा है कि अरसे से किसी नें इन्हें हाथ तक नहीं लगाया, जिससे कर्मचारियों और एक दो आ रहे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वही गंदगी के साथ साथ मुख्य द्वार पर बाजार की बजबजाती नालियां जिम्मेदारों का परिहास कर रही हैं अस्पताल में एक इंडिया मार्का हैंडपंप है जो काफी समय से खराब है । स्थानीय बजरंगी व मोहित पाठक का कहना है कि पुरैना बाजार में गन्दगी संबंधी समस्या को कई बार संबंधित अधिकारियों को अवगत कराया गया, बावजूद गांव में तैनात सफाई कर्मचारी सफाई करने कभी नही आते है, लोगों ने बताया कि नवीन आयुर्वेदिक चिकित्सालय का निर्माण भी हो गया है, हैंडओवर न होने की वजह से आयुवैदिक दवायें फार्मासिस्ट राम नयन प्रसाद किराये के मकान में रखकर किसी तरह कागजी खानापूर्ति को बरकरार रखे हुए है ।सफाई कर्मी संबंधित बातचीत करने का प्रयास खंड विकास अधिकारी सरयू प्रसाद से किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया ।